आम आदमी पार्टी के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि एमसीडी के कर्मचारी को वेतन लेट मिलता था लेकिन अब 1 तारीख को मिल जाता है। सभी पार्षदों ने निर्णय लिया है हाउस टैक्स से लोग जूझ रहे थे। हाउस टैक्स का जो पैसा एमसीडी में आना चाहिए वो भ्रष्टाचार में चला जाता है । हाउस टैक्स पर बड़ी छूट दे रहे हैं। आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने हमेशा से आम आदमी पार्टी के हक के लिए उनके फायदे के लिए काम किया है। 2024 और 2025 का हाउस टैक्स जो भुगतान कर देंगे उनका पिछला सभी बकाया माफ किया जाएगा।
100 गज से 500 गज तक का हाउस tax आधा कर दिया जाएगा।
100 गज से कम वालों का tax माफ किया जाएगा
1300 से ज्यादा अपार्टमेंट ऐसा है जिसको कोई फायदा नहीं मिलता है।
इन सभी 1300 अपार्टमेंट का tax 25% कम किया जाएगा
MCD नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह“ ने कहा की आपननेता भलीभांति जानते हैं की हाउस टैक्स को लेकर उनकी घोषणाएं एक छलावा है क्योंकि ऐसी किसी भी घोषणा को लाने से पहले दिल्ली वित्त आयोग,म्यूनिसिपल वैल्यूएशन कमेटी एवं स्थायी समिति की पूर्व स्वीकृति चाहिए होती है जो आज गठित हैं ही नही। राजा इकबाल सिंह ने कहा है की “आप” सांसद संजय सिंह एवं “आप” नेता दुर्गेश पाठक तो हमेशा से झूठ सच की राजनीति करते रहे हैं पर दिल्ली के महापौर महेश खिंची एवं सदन के नेता मुकेश गोयल नगर निगम नियमों से परिचित हैं पर वह जानबूझकर अब नगर निगम सदन में हंगामे की स्थिती उत्पन्न कर रहे हैं। राजा इकबाल सिंह ने कहा है की 2021 में तत्कालीन तीनों निगमों में भाजपा महापौर पूर्ण बहुमत के साथ रिहायशी मकानों का हाउस टैक्स माफ करने का प्रस्ताव लाये थे जिसे तत्कालीन “आप” निगम पार्षदों एवं अरविंद केजरीवाल सरकार ने रोक दिया था और लागू नही होने दिया था। “आप” नेतृत्व ने दिल्ली नगर निगम की दो साल से अधिक से स्थाई समिति गठित नही होने दी और ना ही केजरीवाल सरकार ने दिल्ली वित्त आयोग का गठन होने दिया और आम सदन के माध्यम से प्रशासन चलाने की असंवैधानिक कोशिश की। इसी का परिणाम है की निगम के सभी विकास कार्यों के साथ ही प्रशासनिक व्यवस्थाएं भी ठप्प पड़ी है। आज “आप” के पास केवल 112 के लगभग निगम पार्षद हैं जबकि विपक्ष में हमारे पास 119 पार्षद हैं और 7 कांग्रेस पार्षद हैं।बीजेपी नेता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि “आप” नेता जो खोखली घोषणाएं आज कर रहे हैं वह यह बतायें उन्होने इन घोषणाओं को अपने 2022 के निगम या 2025 के विधानसभा चुनाव मेनिफेस्टो में क्यों शामिल नही किया था। विधानसभा चुनाव में हारी हताश आम आदमी पार्टी (आप) अब अपने पार्षदों के दलबदल कर भाजपा में शामिल होने के चलते दिल्ली नगर निगम में भी बहुमत खो चुकी है।