अगले 4 महीनों में मौसम विभाग औसत से ज्यादा बारिश की संभवना जतलाई है तो वहीं लू ज्यादा चलेगी तो आधियां भी ज्यादा ही आएंगी। वहीं दिल्ली में हर मॉनसून सीजन में ना केवल जड़ से पेड़ उखड़ने की घटनाएं होती हैं बल्कि जलभराव भी बहुत होता है। इस सीजन में पहली बार दिल्ली में केजरीवाल नहीं बल्कि बीजेपी सरकार के लिए भी ये बड़ी परीक्षा होगी। वहीं एमसीडी शासित आप में अधिकारी मॉमसून को लेकर अभी से ही सक्रिय हैं।
एमसीडी कमिश्नर अश्वनी कुमार ने विभागों को आदेश दिया कि दिल्ली एमसीडी के अंतर्गत आने वाले जलभराव वाली जगहों के लिए नोडल अधिकारी की तैनाती के साथ ही नालों की सफाई होगी। जलभराव वाले क्षेत्रों व ड्रेनेज सिस्टम की मैपिंग, संवेदनशील बिंदुओं पर कर्मचारियों की तैनाती, पंपिंग स्टेशनों पर समप वेल की चौबीसों घंटे सफाई और पोर्टेबल पंपों की तुरंत तैनाती के लिए रणनीतिक जगहों पर उनकी स्थिति क्या होगी इसका खाका ज़ोनल अधिकारियों ने कमिश्नर के सामने पेश किया।

अभियांत्रिकी और डेम्स विभाग द्वारा कॉलोनी नालों की संयुक्त सफाई होगी। ज़ोनल स्तर पर मुद्दे हल होगें या अगर जरूरत हुई तो मुख्यालय को बताना होगा। सबसे खास बात मानसून के दौरान खतरनाक संरचनाओं से संबंधित शिकायतों पर तुंरत कार्रवाई होगी।
एमसीडी का खासा ध्य़ान जलभराव, स्वच्छता और सार्वजनिक सुरक्षा पर होगा। सफाई अधीक्षकों, सहायक आयुक्तों, कार्यकारी अभियंताओं, अधीक्षण अभियंताओं, मुख्य अभियंताओं और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने क्षेत्रीय अनुभव, सुझाव, प्रमुख चुनौतियों और परिचालन बाधाओं को भी कमिश्नर से साझा किया, जो नालों की सफाई, लगातार जलभराव की समस्याओं और विभागों के बीच समन्वय से संबंधित थीं।

आयुक्त ने सभी आवश्यक समर्थन का आश्वासन दिया और समय पर, समन्वित कार्रवाई के महत्व पर बल दिया, ताकि के लिए पूरी तरह से तैयार हो सके। बैठक में सभी अतिरिक्त आयुक्तों, सभी ज़ोन के उपायुक्तों, मुख्य अभियंताओं, ज़ोनल सहायक आयुक्तों, रखरखाव, भवन, प्रोजेक्ट विभाग के अभियंताओं, सफाई अधीक्षकों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।