सावन (श्रावण) मास के अंतिम सोमवार के पावन अवसर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अशोक विहार फेज-वन स्थित वैद्यनाथ महादेव मंदिर में भगवान शिव का विधिवत रुद्राभिषेक किया। इस विशेष अनुष्ठान के माध्यम से मुख्यमंत्री ने दिल्लीवासियों की सुख-समृद्धि, उत्तम स्वास्थ्य और आत्मिक शांति के लिए प्रार्थना की। यह सोमवार का दिन अपने आप में महत्वपूर्ण इसलिए भी है कि आज से ही दिल्ली विधानसभा का सत्र प्रारंभ है। मुख्यमंत्री विधानसभा सत्र में सम्मिलित होने के पूर्व भगवान शिव का रुद्राभिषेक और दर्शन प्राप्त कर दिल्ली के बेहतरी के लिए कामना प्रकट की।
पूजन विधि के अंतर्गत मुख्यमंत्री ने शिवलिंग का दुग्धाभिषेक किया और गंगाजल, घी, दही, शक्कर एवं अन्य पवित्र सामग्रियों से भगवान रुद्र की आराधना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रावण का यह पुण्य अवसर हमें श्रद्धा, सेवा और संस्कृति के मूल्यों को पुनः जागृत करने का सशक्त माध्यम देता है। भगवान शिव के चरणों में यह रुद्राभिषेक राजधानी में आध्यात्मिक ऊर्जा, सामाजिक समरसता और शांति की भावना को सुदृढ़ करने हेतु किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धा और सेवा के दो स्तंभ किसी भी समाज को प्रगति के पथ पर ले जाते हैं। सावन मास में शिव उपासना केवल एक धार्मिक कृत्य नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि और जनसेवा के भाव को जागृत करने का माध्यम है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि दिल्ली सरकार ने कांवड़ यात्रियों की सेवा के लिए राजधानी के विभिन्न स्थलों पर विशेष सेवा शिविरों की स्थापना की, , जिनमें जलपान, प्राथमिक चिकित्सा, विश्राम और सुरक्षा की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई। मुख्यमंत्री ने कहा दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित किया कि श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान किसी असुविधा का सामना न करना पड़े और हर व्यक्ति को सम्मानपूर्वक सेवा मिले।
मुख्यमंत्री ने दिल्ली सरकार की आस्था और संस्कृति के प्रति प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि उनकी सरकार धार्मिक स्थलों की गरिमा और श्रद्धालु भावनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। यमुना सफाई अभियान हो या कांवड़ यात्रा की व्यवस्थाएं— हर पहल को एक आध्यात्मिक, स्वच्छ और सेवा-भाव से जुड़ी राजधानी बनाने की दिशा में आगे बढ़ाया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने यह भी कहा कि मैं भगवान भोलेनाथ से प्रार्थना करती हूं कि दिल्ली निरंतर प्रगति करे, यहां के नागरिक स्वस्थ, समृद्ध और शांतिपूर्ण जीवन जी सकें। यह रुद्राभिषेक केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि विकसित दिल्ली की आंतरिक ऊर्जा और आत्मबल को जागृत करने का एक माध्यम है।