डीडीए दिल्ली के लोगों को मनमाफिक घर देने में उतना कामयाब नही रहा जितनी उम्मीद थी। लोगों की जरूरतों और घर के सपनों का फायदा उठाया अवैध कॉलोनी काटने वालों ने।
हाल ही में दिल्ली में अवैध मकानों और झुग्गियों में तोड़फोड़ की गई। दिल्ली नगर निगम के नरेला जोन में देहात के इलाके में कोई नई कच्ची कॉलोनी ना कटे। इसकी गूंज वार्ड मीटिंग में सुनाई थी। ताकि गरीब और मजलूमों को रोना बिलखना ना पड़े क्योंकि बिल्डर तो कॉलोनी काटकर चले जाते हैं और गरीब जनता को बड़ा नुकसान होता है।
दिल्ली नगर निगम में मनोनीत निगम पार्षद व नरेला जोन वार्ड समिति के पूर्व अध्यक्ष सुमित चौहान ने नरेला जोन वार्ड समिति की अध्यक्ष बबीता डबास की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इस मामले को जोर शोर से उठाया और निगम उपायुक्त को चेताते हुए कहा कि निगम उपायुक्त को खुद ही मौके पर जाकर ऐसी कच्ची कॉलोनियों की जांच करनी चाहिए और ऐसे कार्य पर रोक लगानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान लागू होने वाला है और ऐसे में फिर प्रशासन कार्य कैसे कर पाएंगा।
जोन में कई जगह बड़ी-बड़ी कच्ची कॉलोनियां कट रही है और इन पर रोक लगाई जाए। इससे पहले उन्होंने उपायुक्त की बख्तावरपुर चौक के आसपास हुए अतिक्रमण पर हुई कार्रवाई को लेकर प्रशंसा की और कहा कि यहां फिर से अतिक्रमण बढ़ गया है और फिर से एक्शन लेने की जरूरत है। इसके अलावा बख्तावरपुर वार्ड से सफाई संबंधी समस्याएं उठाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों से भी अधिकारियों को वार्ड समिति की बैठक में बुलाया जाए क्योंकि लोक निर्माण विभाग के नालों की कई जगह सफाई नहीं हो पाई और निगम की नालियों के पानी का निकास नहीं हो पाएगा।
बैठक में जोन वार्ड समिति की उपाध्यक्ष जनता देवी ने अपने वार्ड की सफाई संबंधी समस्याएं उठाई और अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सभी पार्षदों के फोन उठाए और पार्षदों की बाते सुने। इसके अलावा पार्षद श्वेता खत्री, दिनेश भारद्वाज, अंजू, संदीप, राम चंद्र, नेहा, हेमलता, पवन सहरावत, मनोनीत निगम पार्षद लक्ष्मण आर्य ने अपने वार्ड की सफाई व्यवस्था, जर्जर स्कूल, जलभराव, आवारा गाय, सफाई कंपनी की लापरवाही, टाटा पॉवर कंपनी की स्ट्रीट लाईटें बंद होने, सफाई कर्मियों और मालियों की कमी का मुद्दा उठाया।