मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पर्यावरण एक्शन प्लान 2025-26 जारी करके बताया कि दिल्ली सरकार आर्टिफिशियल रेन (कृत्रिम वर्षा) की दिशा में भी तैयारी कर रही है। जो दिल्ली के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। इसके लिए आईआईटी कानपूर के साथ सरकार एमओयू साइन करेगी। वहीं कई फैसले लिए गये जिसमें राजधानी के वायु प्रदूषण को खत्म किया जा सके।
सभी ऊंची इमारतें पर (हाईराइज़ बिल्डिंग्स) स्प्रिंकलर सिस्टम अब जरूरी
राजधानी में मौजूद सभी ऊंची इमारतों (हाईराइज़ बिल्डिंग्स) छतों पर स्प्रिंकलर सिस्टम अनिवार्य रूप से स्थापित करें। सभी निर्माण स्थलों को अब अपनी साइट्स पर स्प्रिंकलर सिस्टम और नियमित जल छिड़काव निर्माण गतिविधियों से होने वाले डस्ट प्रदूषण को कम करने की दिशा में बेहद आवश्यक है। वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए 1000 वॉटर स्प्रिंकलर और 140 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन मानसून को छोड़कर पूरे साल के लिए दिल्ली भर में तैनात करेगी, जो अलग-अलग क्षेत्रों में धूल को नियंत्रित करने के लिए पानी का छिड़काव करेंगे।
बॉर्डर एंट्री पॉइंट्स पर लगेंगे एएनपीआर (Automatic Number Plate Recognition) कैमरे
“एंड ऑफ लाइफ व्हीकल्स” अर्थात वे वाहन होते हैं जो निर्धारित उम्र पार कर चुके हैं और अब सड़कों पर चलाने योग्य नहीं माने जाते है। ऐसे वाहनों पर निगरानी के लिए सरकार द्वारा पेट्रोल पंपों पर 495 एएनपीआर कैमरे लगा दिए गए है और दिल्ली के सभी बॉर्डर एंट्री पॉइंट्स पर भी एएनपीआर (Automatic Number Plate Recognition) कैमरे लगाए जा रहे हैं। यह कैमरे वर्जित वाहनों की पहचान कर सम्बंधित विभाग को इसकी जानकारी देंगे ताकि राजधानी में ऐसे वाहनों की आवाजाही पर रोक लग सके। पुराने वाहन प्रदूषण के बड़े स्रोत हैं बॉर्डर एंट्री पॉइंट्स पर भी एएनपीआर (Automatic Number Plate Recognition) कैमरे के जरिए सरकार रीयल-टाइम में यह ट्रैक कर सकेगी कि शहर में कितने ELVs चल रहे हैं, और कहां-कहां देखे गए हैं
बाहरी राज्यों के प्रतिबंधित वाहनों पर नकेल
प्रतिबंधित वाहन शहर की सीमा में प्रवेश करता है, तो उस वाहन के पंजीकृत मालिक को तुरंत मोबाइल पर अलर्ट मैसेज भेजा जाएगा। इसके साथ ही बॉर्डर पर लगाए गए वेरिएबल साइनबोर्ड ऐसे वाहनों की संख्या प्रदर्शित करेंगे। इसके अलावा पड़ोसी राज्यों में पंजीकृत End of Life वाले वाहनों के मालिकों को एसएमएस भेजे जाएंगे, जिसमें यह जानकारी दी जाएगी कि ऐसे वाहन दिल्ली में प्रवेश की अनुमति योग्य नहीं हैं। दिल्ली में मौजूद सभी पीयूसी केंद्रों का ऑडिट किया जाएगा और यदि कोई पीयूसी गलत सर्टिफिकेशन करेगा तो सभी सम्बंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए है उनपर भारी जुर्माना लगाया जाए।
निर्माण स्थलों पर प्रदूषण नियंत्रण का प्लान
बड़े निर्माण स्थलों पर धूल और कचरे से उत्पन्न होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अब 500 वर्ग मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल वाली सीएंडडी (Construction and Demolition) साइट्स को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के वेब पोर्टल पर अनिवार्य रूप से रेजिस्ट्रेशन करना होगा। अब 200 वर्ग मीटर से लेकर 500 वर्ग मीटर तक की निर्माण साइट्स को भी डस्ट कंट्रोल नॉर्म्स का पालना करना अनिवार्य होगा। इसके लिए एमसीडी (नगर निगम) को निर्देश दिए गए हैं।
राजधानी के मेट्रो स्टेशनों पर कुल 2,300 ई-रिक्शा तैनात किए जाएंगे, ताकि लास्ट माइल कनेक्टिविटी को सुनिश्चित किया जा सके। इस योजना के तहत इन 2,300 ई-रिक्शाओं में से लगभग 700 ई-रिक्शा महिलाओं को चलाने का मौका मिलेगा।
एक नजर में पर्यावरण एक्शन प्लान 2025-26 के मुख्य बिंदु
• वायु प्रदूषण को कम करने के लिए मानसून छोड़कर 1000 वॉटर स्प्रिंकलर और 140 एंटी स्मॉग गन सालभर रहेंगे तैनात
• एंड ऑफ लाइफ व्हीकल्स पर सरकार कसेगी नकेल ; पेट्रोल पंप पर लगाए गए 495 एएनपीआर कैमरे
• पीयूसी केंद्रों का ऑडिट करने के दिए निर्देश, गलत प्रमाणपत्र देने पर लगेगा भारी जुर्माना
• 500 वर्ग मीटर से ऊपर के सीएंडडी साइट्स को डीपीसीसी पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी
• 200–500 वर्ग मीटर की साइट्स पर भी डस्ट कंट्रोल नॉर्म्स लागू होंगे ; एमसीडी को निर्देश
• लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए 2,300 ई-रिक्शा मेट्रो स्टेशनों पर तैनात होंगे, 700 होंगी महिला ड्राइवर
• दिल्ली में जल्द होगी कृत्रिम वर्षा (Artificial Rain) का ट्रायल, बनेगा प्रदूषण नियंत्रण में मील का पत्थर