1-ख़बर है कि सीएम दो रिपोर्ट पेश करेंगी जो राज्य स्टेट फाइनेंस, वेलफेयर आफ बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स से जुड़ी होगी। शिक्षा मंत्री आशीष सूद एक शिक्षा विधेयक ला सकते हैं। यानि चर्चा इन्हीं मुद्दों पर होगी। विपक्षी आम आदमी पार्टी जलभराव, झुग्गी तोड़ने जैसे मुद्दों को लाकर सरकार पर दबाव बना सकती है। जबकि सरकार का ज़ोर होगा बीते 5 महीने सरकारी योजनाओं और उपलब्धियों को सदन में रखे के दौरान सामने रख सकती है।
2-स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सोमवार 11 बजे से दो बजे तक सदन में ट्रायल होगा तो वहीं दोपहर दो बजे से सदन चलेगा। ई-विधान प्रणाली का काम महज 100 दिनों में पूरा किया गया। कल प्रातः 11 बजे इसका परीक्षण और दोपहर 2 बजे पहली बार पूरी तरह सौर ऊर्जा से संचालित सदन की बैठक होगी।
3-सौर ऊर्जा संयंत्र दिल्ली विधानसभा के संचालन को शत-प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा पर आधारित बनाता है, बल्कि लगभग ₹15 लाख हर महीने की लागत बचत सुनिश्चित करता है और वार्षिक अनुमानित बचत ₹1.75 करोड़ तक हो सकती है।
4-दिल्ली विधानसभा ने पर्यावरणीय सततता और डिजिटल सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। 500 किलोवॉट की क्षमता वाले अत्याधुनिक रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्र और नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन (NeVA) का लोकार्पण केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने किया गया।
5- विधायकों ने ई-विधान प्रणाली का सफल परीक्षण कर लिया है। इसमें स्मार्ट डेलीगेट यूनिट्स, वोटिंग पैनल, RFID/NFC एक्सेस, बहुभाषी समर्थन, रियल टाइम दस्तावेज़ एक्सेस, HD कैमरों से सुसज्जित AV सिस्टम तथा सुरक्षित नेटवर्किंग की सुविधा उपलब्ध है।
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि “यह नवीकरणीय ऊर्जा और डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में हमारा एक समग्र प्रयास है। 1912 में बने इस ऐतिहासिक भवन में देश की पहली संसद का संचालन हुआ था—आज हम उसी विरासत को आधुनिकता से जोड़ रहे हैं।”
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा “दिल्ली की विधानसभा को देश की राजधानी के अनुरूप ही अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए, विशेषकर ऐसे समय में जब भारत 50% से अधिक गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता हासिल कर चुका है। यह पहल नवीनता, पारदर्शिता और संस्थागत उत्तरदायित्व के 21वीं सदी के शासन मॉडल को दर्शाती है।