आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दखल जीवन में कैसे बढ़ रहा है इसकी बानगी मौलाना आजाद इंस्टिट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज में देखने को मिली। यकीन मानिए जिस मशीन के सामने दिल्ली की स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज सिंह खड़े हैं…अगर वो खुद की जांच करें तो ये मशीन 2 मिनट के अंदर दांतों और मसूड़ों को पूरा स्कैन करके 10 सेकंड में उनके मोबाइल पर भेज देगी। यानि इसके सामने आते ही आपके दांतों को स्कैनिंग रिपोर्ट आपके मोबाइल पर आ जाएगी। ये मशीन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से चलती है।
स्कैनओएयर (ScanOair) डिवाइस मौलाना आजाद इंस्टिट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज (MAIDS) में लगी है। मशीन में पहिए लगे हैं, इसमें लगे कैमरे की ऊंचाई अपने हिसाब से सेट किया जा सकता है। जिससे सभी आयु वर्ग के लोगों की स्कैनिंग संभव है। साफ है MAIDS डेंटल इंस्टीट्यूट में मरीजों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्मार्ट सेंसर तकनीक से लैस स्कैनओएयर डिवाइस से अत्याधुनिक, कॉन्टैक्टलेस स्क्रीनिंग और मॉनिटरिंग सिस्टम की सुविधा मिलेगी। स्कैनओएयर डिवाइस 16 क्षेत्रीय भाषाओं में सहायता प्रदान करने के साथ ही अपॉइंटमेंट बुकिंग को मरीज के शेड्यूल के साथ जोड़ता है। सीएसआर के पहल से ये मशीन लगी।
जिसके जरिए मरीज MAIDS में लगाई गई मशीन से राजधानी दिल्ली के स्वास्थ्य के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीक के शामिल होने से भविष्य में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि स्कैनओएयर डिवाइस अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों के लिए एक ऐसी सुविधा प्रदान करेगा जिसके माध्यम से मरीज खुद ही अपने दांतों और मसूड़े की जांच रिपोर्ट तैयार कर सकेंगे।
स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर पंकज कुमार सिंह ने कहा कि यह केवल मशीनें नहीं हैं, बल्कि ये स्मार्ट एआई टूल्स हैं, जो उच्च सटीकता के साथ दंत समस्याओं की तुरंत पहचान कर सकते हैं। डॉक्टर्स और मरीजों का कीमती समय बचने के साथ ही ओपीडी और अस्पतालों में भारी भीड़ को कम करेगी।
MAIDS में लगा स्कैनओएयर स्मार्ट सेंसर और अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से लैस मशीन सिर्फ 10 सेकंड में दांतों और मसूड़ों की स्वास्थ्य जांच कर रिपोर्ट देने में सक्षम है। स्कैनओएयर में 16 क्षेत्रीय भारतीय भाषाओं में वॉइस असिस्टेंस, हर बीमारी के लिए उपचार संबंधी वीडियो और मरीजों के अपॉइंटमेंट शिड्यूल जैसी सुविधाएं भी मिलेगी। स्कैनओएयर का डिज़ाइन पोर्टेबल और यूज़र-फ्रेंडली है, जो असानी से दो भागों में अलग हो सकता है।
ऐसे में यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से लैस डिवाइस मैनुअल निर्भरता को कम कर, तेज और अधिक कुशल स्क्रीनिंग सुनिश्चित करेगा, जो कि एक पोस्ट-कोविड स्वास्थ्य ढांचे में अत्यंत आवश्यक साबित हो सकता है।