जैसे ही आपके दिमाग में नेगेटिव विचार आएं उसका ठीक उल्टा सोचें। अगर भावना नेगेटिव है तो उसका उल्टा पॉजिटिव होगा। यानि आपकी सोच कुछ खोने की आ रही तो उसकी वक्त कुछ सकारात्मक विचार लाएं जो अच्छा है आपको खुशी देता है। जैसे आप के घर में कोई छोड़ा बच्चा है तो उसके साथ खेलना आपको अच्छा लगता है। ये सोचें। ऐसा करते ही नेगेटिव विचार के ऊपर उसी वक्त सकारात्मक विचार का डेटा ओवरराइट हो जाएगा। इसी को तो योगी साधु प्रतिपक्ष का भाव कह देते हैं।
मैने बहुत आसान शब्दों में आपको बताया कि ये होता कैसे है। इसलिए जब भी आप नेगेटिव हों तुरंत यही तकनीक अपनाएं। अच्छा और सकारात्मक महसूस रेंगे। ऐसा करने से ज्यादा सोचना उसी पल बंद हो जाएगा । यह बहुत उपयोगी तकनीक है जिसका अभ्यास आपके मन को शांत करता है। नकारात्मकता को उसकी वक्त खत्म कर देता है।
Kill the negativity at once. No mercy. अगर आपको पहाड़ों में घूमना, नेचर की सैर, छोटे बच्चों के साथ खेलना, टीवी देखना, वेबसीरीज़ देखना या फिर ऐसी चीज जिसके बारे में सोचने या करने में आपको रस या आनंद आए उसका डेटा दिमाग और जीवन में बढ़ाते जाइए। नेगेटिव विचारों को मेरे बताए तरीकों से खत्म करते जाइए। जीवन का दूसरा नाम ही सुख हो जाएगा। मेरी पत्नी को हर बार शिकायत रहती है कि झाड़ू-पोछा रोज़ लगता है बावजूद इसके गंदगी या खर-पतवार दुबारा आ जाते हैं। दिमागी घर में नेगेटिव विचारों की गंदगी को हमें हर रोज़ साफ करते रहना पड़ेगा।
जब दिमाग में नेगिटव विचार आएं तुरंत अपने आपसे कहो कि मन रूको अभी पॉजिटिव पर फोकस करो। ऐसा कहते ही आप नेगेटिव विचारों के बने या बन रहे पैटर्न को पैदा होते ही खत्म कर देते हैं।