
दिल्ली नगर निगम के 18,000 से ज्यादा शिक्षक 5 फरवरी को चुनाव के दिन सामूहिक अवकाश पर जाने की योजना बना रहे हैं। शिक्षक संगठन “शिक्षक न्याय मंच” के अध्यक्ष कुलदीप सिंह खत्री ने चेतावनी दी है कि अगर 31 जनवरी तक दिसंबर और जनवरी की सैलरी नहीं मिली, तो छुट्टी अनिवार्य होगी। निगम की वित्तीय स्थितियां लगातार खराब हो रही हैं और कर्मचारियों के बकाया पैसों की संख्या 6000 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है, जिससे नगर निगम का दिवालियापन जाहिर हो रहा है। शिक्षक सैलरी ना मिल पाने के कारण आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं और उन्हें अपने खर्चों के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। यदि सरकार जल्द हस्तक्षेप कर सैलरी का भुगतान नहीं करती, तो शिक्षकों का अवकाश निश्चित है।
संघ के अध्यक्ष कुलदीप सिंह खत्री ने कहा कि वित्तीय दिक्कतों के चलते शिक्षकों की सैलरी अटकी हुई है। यह समस्या शिक्षकों को आर्थिक चुनौतियों का सामना करने पर मजबूर कर रही है। निगम के दिवालियापन के चलते 6000 करोड़ रुपये का बकाया है, और इस स्थिति को सुधारने के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है। शिक्षक सैलरी ना मिलने के कारण बैंक डिफॉल्टर बनने की कगार पर हैं और उन्हें दैनिक खर्चों के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। यदि सैलरी दी जाती है, तो अवकाश पर जाने का निर्णय स्थगित किया जाएगा।