दिल्ली के बुराड़ी इलाके में सोमवार शाम को एक बड़ा हादसा हुआ जब एक चार मंजिला निर्माणाधीन इमारत ढह गई। इस दुःखद दुर्घटना में दो लोगों की मौत हो गई और 12 लोग घायल हो गए। घटना के दौरान इमारत में 10 से 15 लोग मौजूद थे, जिनमें मजदूर और उनके परिवार के सदस्य शामिल थे। स्थानीय लोगों की त्वरित सहायता और सतर्कता की वजह से 12 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। स्थानीय प्रशासन ने घटना की जांच शुरू कर दी है ताकि इमारत गिरने के कारणों का पता लगाया जा सके। इस हादसे ने शहर में निर्माण कार्यों की सुरक्षा और निगरानी को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोग प्रशासन से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।

कौन जिम्मेदार? DDA, MCD या फिर किसान
अनधिकृत कॉलोनी में निर्माण के लिए एमसीडी जिम्मेदार है। गांव और अनधिकृत कॉलोनी से बाहर का विकास डीडीए करता है। ज़मीदोज़ इमारत डीडीए के अधिकार क्षेत्र में आ रही है। डीडीए रोहिणी की तरह बुराड़ी को भी सेक्टर्स में डिवलप कर रहा है। जमीदोज़ इमारत सेक्टर 11 में आती है। डीडीए का किसानो से लैंडपूलिंग का प्रोसेस चल ही रहा है। विश्वस्त सूत्रों से पता लगा है कि कई किसानों ने डीडीए के साथ ही प्राइवेट बिल्डर्स को भी बेच दिया है और ये बिल्डर्स धड़ल्ले से निर्माण कर रहे हैं। ज़मीदोज़ इमारत का खसरा नं 75/12/1 जो कि कौशिक एनक्लेव नाले के साथ ही लगती है।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस, दमकल विभाग, आपदा प्रबंधन टीम, सिविल डिफेंस, निगम का दस्ता और कैट्स एंबुलेंस तेजी से मौके पर पहुंची। राहत और बचाव कार्य पूरी रात जारी रहा। स्थानीय लोगों ने अपनी ओर से भी मलबे में दबे लोगों को निकालने का प्रयास किया और चार लोगों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया। अभी भी मलबे में कुछ लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है, और बचाव दल मुस्तैदी से उन्हें खोजने में जुटा हुआ है।
इस हादसे में घायल हुए लोगों में संजय (28 वर्ष), कृष्णा (30 वर्ष), ज्ञानु (27 वर्ष), रजनी (26 वर्ष), सिमरन (10 वर्ष), खुशी (8 वर्ष), लल्लू (40 वर्ष), सविता (32 वर्ष), सोनिया (16 वर्ष), प्रियंका (14 वर्ष), आकांक्षा (6 वर्ष), और अजय (5 वर्ष) शामिल हैं। घायल लोग विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं और उनका इलाज चल रहा है।