दिल्ली वह केंद्र शासित प्रदेश है जिसकी अपनी विधानसभा है लेकिन यह राष्ट्रीय राजनीति पर असर डालता है और आज केजरीवाल की हार के बाद ये तय हो गया कि राहुल गांधी ने केजरीवाल को दिल्ली में सिमटा दिया है। अगर दिल्ली से देश में केजरीवाल को आगे बढ़ना है तो नए
14 सीट बीजेपी ने कांग्रेस की वजह से जीत लीं
नई दिल्ली,
ग्रेटर कैलाश
तिमारपुर
मालवीय नगर
दिल्ली कैंट
कुल 16 सीट ऐसी है जो बीजेपी दूसरे की वजह से जीती। इसमें 14 सीट कांग्रेस की वजह से जीत लीं और
मुस्तफाबाद की 1 सीट AIMIM की वजह से जीत लीं। नतीजे के अंतर से जायदा कांग्रेस पार्टी के उम्मीद बार को वोट मिला। यानी कांग्रेस और आप मिलकर लड़ती तो बीजेपी को इतनी सीटें नहीं मिलती और आप मैजिक फिगर तक पहुंच जाती। यानी कुछ न पाकर भी जीरो पावर का खेल दिखाकर कांग्रेस ने साबित कर दिया कि गोवा में अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस का खेल बिगड़ा तो कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की लुटिया डुबो दी।
इतिहास ने खुद को दोहराया 2013 में अरविंद केजरीवाल की एंट्री शीला को हराने के बाद की और फिर 2025 में केजरीवाल की हार नई दिल्ली सीट पर हो गई वो भी शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित वोट कटवा साबित हुए।
1993 से 1998 तक दिल्ली में बीजेपी की सरकार रही उसके बाद 26 साल हो गए सत्ता से दूर हो गईथी। इसके बाद 15 साल शीला दीक्षित का शासन रहा तो 10 साल से ज्यादा का वक्त हो गया केजरीवाल दिल्ली में शासन कर रहे हैं। इस बार बीजेपी ने केजरीवाल के बड़े कोर वोट झुग्गी झोपड़ी, और मिडल क्लास में सेंध मारी कर दी तो
मुस्लिम वोट बंट गए।
राजनीति बदलने के लिए जुड़ा मिडल क्लास
अब तक का ट्रेंड देखा गया की
लोक सभा में मिडल क्लास बीजेपी और विधान सभा में केजरीवाल को वोट करने चला जाता था दोनों के बीच 18% का वोट शेयर में डिफरेंस आ जाता है।
अरविंद केजरीवाल ने हार के बाद कहा कि
हम न केवल एक कंस्ट्रक्ट्व अपोज़िशन का रोल निभाएंगे बल्कि हम समाज सेवा जनता के सुख दुख में काम आना है। हम लोगों के सुख दुख में हमेशा काम आएंगे क्योंकि हम राजनीति में कोई सत्ता के लिए नहीं आए हम राजनीति को एक ज़रिया मानते हैं जिसके ज़रिए जनता की सेवा की जा सके जिसके ज़रिये लोगों के सुख दुख में काम आया जा सके वह काम करते रहेंगे और हमें आगे भी इसी तरह से जनता के सुख दुख में काम आना है मैं आम आदमी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत बहुत बधाई देना चाहता हूँ वह शानदार चुनाव लड़े बहुत मेहनत की उन्होंने बहुत कुछ सहा इस पूरे चुनाव के दौरान उन्होंने बेहद शानदार चुनाव लड़ा है इसके लिए मैं उन सबको बधाई देता हूँ
हरियाणा जम्मू महाराष्ट्र में बीजेपी ने राजनीतिक माहौल बदला तो दिल्ली में ईमानदार और रेवड़ी के बीच लड़ाई में बीजेपी जीत गई।
दिल्ली इलेक्शन में वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से ही जारी है। दिल्ली की सभी 70 सीटों में से बीजेपी 48, जबकि आम आदमी पार्टी 22 सीटों पर आगे चल रही है। अब तक के चुनाव परिणामों में ‘आप’ के मुखिया अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज चुनाव हार गए हैं। आप उम्मीदवार और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन पर भी हार गए। दिल्ली की सीएम आतिशी हारते-हारते चुनाव जीत गई हैं। 27 साल बाद दिल्ली में भाजपा सरकार बनाने जा रही है। पिछले दो विधानसभा चुनावों की तरह कांग्रेस इस बार भी खाता तक नहीं खोल पाई है। सभी 70 सीटों के चुनाव परिणाम results.eci.gov.in पर जाकर देखे जा सकते हैं। चुनाव आयोग (ECI) के मुताबिक, दिल्ली चुनाव के लिए बुधवार 5 फरवरी को 60.54 फीसदी वोट पड़े थे। दिल्ली चुनाव की मतगणना को सभी 11 जिलों में 19 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। दिल्ली चुनाव पर कई एग्जिट पोल ने भाजपा को ‘आप’ पर बढ़त दिखाई थी, जो 2015 से दिल्ली में सत्ता में है। गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के लिए 5
पटपड़गंज से हरे अवध ओझा आप पार्टी के हर के बाद कहा कि कुछ मेरी ही गलती है जिसकी वजह से मुझे आज हर का मुंह देखना पड़ा अब मैं बाहर जाऊंगा और अगले इलेक्शन की तैयारी करूंगा।
दिल्ली कोंडली सीट से AAP के कुलदीप कुमार जीते*
पटपड़गंज विधानसभा से भाजपा के रविंद्र नेगी जीते – आप के अवध ओझा को हराया
मनीष सिसोदिया चुनाव सिर्फ 600 वोट से हारे तरविंदर मारवाह जीते
दुर्गेश पाठक राजेंद्र नगर से चुनाव हारे
आतिशी जीत रमेश बिधूड़ी हारे
शकूरबस्ती से करनैल सिंह जीते
मालवीय नगर से सोमनाथ भारती हारे सतीश उपाध्याय जीते
राजौरी गार्डन से सिरसा जीते
सौरभ भारद्वाज चुनाव हारे
घोंडा विधानसभा से भाजपा के अजय महावर करीब 26 हजार मतों से जीते