दिल्ली की राजनीति में फिर से हलचल मच गई है। रोहिणी विधानसभा से भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया है कि दिल्ली की मौजूदा आप सरकार ने पिछले चार सालों में वित्त आयोग का गठन नहीं किया। यह दिल्ली के नगर निगम की वित्तीय स्थिति को डावांडोल बना रहा है। गुप्ता ने कहा कि दिल्ली की जनता आप सरकार की नाकामी का खामियाजा भुगत रही है। भाजपा विधायक दल ने इस गंभीर मुद्दे को विधानसभा, हाई कोर्ट और राष्ट्रपति के समक्ष उठाया, मगर सरकार ने अनदेखा किया है।
विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने के बाद छठे वित्त आयोग का त्वरित गठन किया जाएगा। आयोग के अभाव में नगर निगम के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243-I और 243-Y के उल्लंघन का हवाला देते हुए, उन्होंने कहा कि यह देरी वित्तीय योजनाओं और संसाधनों के आवंटन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है, खासकर दिल्ली नगर निगम पर। इसका असर साफ सफाई, पार्कों की देखरेख, और सीवर प्रबंधन जैसे बुनियादी सेवाओं पर पड़ा है।
गुप्ता ने दावा किया कि दिल्ली की दुर्दशा को ठीक करने के लिए भाजपा सरकार प्राथमिकता सूची में सभी विकास कार्यों को रखेगी। उन्होंने जनता को विश्वास दिलाया कि सड़क, बिजली, पानी और साफ-सफाई जैसे मुद्दे उनकी प्राथमिकता रहेंगे और भाजपा सरकार बनने पर पहली कैबिनेट बैठक में इन पर फैसले लिए जाएंगे। भाजपा का लक्ष्य यह है कि चुनावी वादों को पूरा कर जनता को दिखाए कि वे मोदी की गारंटी थे।
विजेंद्र गुप्ता का यह बयान दिल्ली की राजनीति में उम्मीद की किरण के रूप में सामने आया है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो नगर निगम और अन्य सार्वजनिक सेवाओं की स्थिति से नाखुश हैं।