70 एकड़ में फैले भलस्वा कूड़े का पहाड़ के 25 एकड़ को खत्म कर दिया गया है जिसमें ग्रीन बेल्ट बनाया जाएगा जो वातावरण को प्रदूषण से ना केवल बचाने का काम करेगा बल्कि बफर के रूप में पूरे इलाके के लिए वरदान होगा।

मौका था भलस्वा लैंडफिल साइट पर बायोमाइनिंग (कचरा निस्तारण) से खाली 5 एकड़ ज़मीन पर 2000 बांस के पौधे लगाने का। अगले कुछ महीनो में यहां पर 54000 बांस के पौधे लगाने का लक्ष्य लिया गया वहीं दिल्ली की सीएम ने मौके पर आम आदमी पार्टी सरकार को घेरते हुए कहा कि पिछली सरकारें कूड़े के पहाड़ों का सिरा भी नहीं पकड़ पाई, उपराज्यपाल के प्रयासों एवं केंद्र सरकार की सहायता से कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने के लक्ष्य प्राप्त करने के लिए डबल इंजन की सरकार प्रतिबद्ध है। रेखा ने उदाहरण देते हुए कहा कि केदारनाथजी में बादल फटने के कारण आई त्रासदी के समय एक शिला ने मंदिर को बचाया था। उस शिला के कारण बादल फटने से आई बाढ़ में मंदिर को बहने से बचाया था ऐसे ही शिला का कार्य उपराज्यपाल महोदय ने पिछली सरकार के समय दिल्ली के प्रांगण को बचाने में किया है। डबल इंजन की सरकार डबल तेजी से मिशन मोड में कार्य करते हुए दिल्ली को साफ एवं सुन्दर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

पिछली सरकारें केवल कूड़े के पहाड़ों की बातें करती रही लेकिन इन पहाड़ों का सिरा भी नहीं पकड़ पाई। लैंडफिल साइट पर वास्तविकता में जो कार्य हो रहे हैं और जो लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं वो केंद्र सरकार के सहयोग से फलीभूत हो पाए हैं। लैंडफिल साइट से प्राप्त मैटीरियल का इस्तेमाल एन एच ए आई,केंद्र सरकार की परियोजनाओं में इस्तेमाल किया गया है एवं इसके अलावा डीडीए द्वारा भी भूमि की भराई में लाखों टन मैटीरियल इस्तेमाल किया गया है।
रेखा गुप्ता ने कहा कि आन वाले समय में लैंडफिल साइट की मासिक आधार पर निगरानी की जाएगी। उन्होंने कहा कि हम तीनों लैंडफिल साइट का निरीक्षण करेंगे और साल भर में इनकी ऊंचाई खत्म करके यहां हरित क्षेत्र विकसित करेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली को साफ एवं स्वच्छ बनाने के लिए हमारी सरकार मिशन मोड में कार्य कर रही है एवं डबल इंजन की सरकार डबल तेजी से काम करेगी।
उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि यहां पर बांस के पौधे जान बूझ कर लगाए गए हैं क्योंकि बांस 30% अधिक तक ऑक्सीजन का उत्सर्जन करता है और इसे कम पानी की आवश्यकता होती है। दिल्ली एक प्रदूषित शहर है और हमारी सरकार इससे प्रदूषणरहित करने वाली है और इस दिशा में यह पहला कदम है। उपराज्यपाल ने बताया कि बांस एक साल में 20 से 25 फीट के हो जाएंगे। जब आप लोग हाइवे से गुजरेंगे तो आपको कूड़े के पहाड़ नहीं बल्कि हरित क्षेत्र दिखाई देगा।
एमसीडी ने भलस्वा, ओखला और गाजीपुर लैंडफिल साइट को खत्म करने का लक्ष्य दिसंबर 2028 तय किया है। हालांकि पर्यावरणमंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने दावा किया कि मार्च 2026 तक दिल्ली में कूड़े के पहाड़ को खत्म कर दिया जायेगा ।