दिल्ली नगर निगम ने 1100 अधिकारियों की सैकड़ो टीम में बने जो 24 घंटे नजर रख रही थी की ओपन बर्निंग और नियमों के खिलाफ जाकर कंस्ट्रक्शन करने वालों पर कार्रवाई हो सके लंबे चौड़े दावे भी किए गए बावजूद इसके करोड़ों के चालान में सिर्फ लाख ही रिकवर हुए।
अब जरा आंकड़े देखिए
अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 तक विंटर एक्शन प्लान लागू हुआ था प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए इस अभियान में आंकड़ों के मुताबिक 13 00 अधिकारियों की करीब 372 भारी भरकम टीम भी बना दी गई एमसीडी की तरफ से दावा किया गया था कि दिन के समय 113 टीम में करीब 350 अधिकारी तैनात थे 383 अधिकारी को रात के समय तैनात किया गया था बावजूद इसके ओपन बर्निंग के सिर्फ 181 चालान काटे चालान की कुल धनराशि 4.38 लाख थी।
बिल्डिंग विभाग के अधिकारियों को यह काम करना था
विंटर एक्शन प्लान के दौरान अधिकारियों को जगह-जगह कंस्ट्रक्शन भी मिला वही कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन वेस्ट रोकने के लिए एमसीडी ने 300 से ज्यादा अधिकारियों की 75 टाइम दिन के समय तैनात की तो 261 अधिकारियों की 71 टाइम रात के समय एमसीडी ने कंस्ट्रक्शन और सीएमडी वेस्ट के 5.6 करोड रुपए के टोटल 2600 से ज्यादा चालान काटे थे लेकिन वसूली हो पाई मुश्किल से 45 लाख की सूत्रों का कहना है कि कंस्ट्रक्शन और सीएमडी वेस्ट के चालान काटने की जिम्मेदारी बिल्डिंग विभाग के अधिकारियों को सौंप गई थी लेकिन नहीं चालान काटे और ना ही अमाउंट की रिकवरी हो पाई।
एमसीडी अधिकारियों ने ओपन बर्निंग करने वालों के साथ-साथ 500 वर्ग मीटर से अधिक और 500 वर्ग मीटर से कम एरिया में नियमों की धज्जियां उड़ाकर कंस्ट्रक्शन करने वाले प्लॉट मालिकों के 5.31 करोड़ के चालान काटे थे बावजूद इसके एमसीडी के खाते में मुश्किल से 45 लाख रुपए ही जमा हो पाए कहीं ना कहीं अधिकारियों ने जुर्माना वसूलने में ढिलाई भारती जिसकी वजह से एमसीडी को करोड़ों रुपए का रेवेन्यू नहीं मिला है।