दिल्ली के विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने बजट सत्र के तीसरे दिन ‘‘ई-विधानसभा‘‘ की शुरुआत की दिशा में ठोस प्रयासों की घोषणा की। उन्होंने बताया कि विधानसभा अगले 100 दिन के भीतर “ई-विधानसभा” को लागू करने की कोशिश करेगी, ताकि मानसून सत्र ‘‘ई-विधानसभा‘‘ एप्लीकेशन ‘NEVA’ का उपयोग करके आयोजित किया जा सके।
22 मार्च 2025 को उन्होंने संसदीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के साथ मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग पर हस्ताक्षर किए हैं। परियोजना का संपूर्ण वित्त पोषण भारत सरकार करेगी। “ई-विधानसभा” परियोजना सदन की कार्यवाही को ऑनलाइन और पेपरलेस बनाएगी, जिससे पर्यावरण सुरक्षा को बल मिलेगा।
इस नई व्यवस्था के माध्यम से सदस्यों को अपने नोटिस ऑनलाइन जमा करने और अपने मोबाइल या टैबलेट पर विधानसभा के सभी जरूरी दस्तावेज प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी। “ई-विधानसभा” एप्लीकेशन, विधान से जुड़े सभी कार्यों जैसे प्रश्न, चर्चाएँ, विधायी कार्य और निर्वाचन क्षेत्र के मुद्दों के प्रबंधन में सहायक होगी।
माननीय सदस्यों को एप्लीकेशन के उपयोग का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, विधानसभा सचिवालय में एक स्थायी सुविधा केंद्र स्थापित किया जाएगा, जहां प्रशिक्षण की सुविधा दी जाएगी। एप्लीकेशन टचस्क्रीन डेस्कटॉप पर उपलब्ध होगी जो प्रत्येक सदस्य की सीट पर लगाई जाएगी और इसे टैबलेट व मोबाइल डिवाइस पर भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।
परियोजना को तेजी से लागू करने में सहयोग के लिए किरण रिजिजू एवं भारत सरकार के अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों से परियोजना के सफल कार्यान्वयन के लिए समर्थन की अपील की। यह पहल प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “वन नेशन-वन एप्लीकेशन” की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने सभी विभागों से एकजुट होकर नई तकनीक के सफल कार्यान्वयन का आग्रह किया।