25 अप्रैल को होने वाले दिल्ली नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव होने से पहले परिणाम लगभग तय हो गया क्योंकि आम आदमी पार्टी ने तय किया है कि वो मेयर चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी। ऐसा हुआ तो निर्विरोध मेयर और डिप्टी मेयर लगभग तय है। बीजेपी के पास मेयर चुनाव के लिए बहुमत का नंबर है और साल 2025 के चुनाव में आम आदमी पार्टी की सत्ता से बेदखली के बाद ये तय हो गया था कि निगम से भी आप के शासन को बीजेपी बेदखल कर देगी। शायद आम आदमी पार्टी ने नंबर गेम में कम होते ही बीजेपी के लिए रास्ता साफ कर दिया।
आम आदमी पार्टी के दिल्ली संयोजक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि
दिल्ली में सत्ता को लेकर भाजपा का डिस्प्रेशन हम लंबे समय से देख रहे हैं. 2022 के मेयर चुनाव की घोषणा के दिन ही चुनाव टाल दिया गया था और डिलिमिटेशन ऐसा किया गया कि कैसे भी भाजपा को जीताया जाए.
दिसंबर में चुनाव हुए तो AAP को 134 और भाजपा को 104 सीटें मिलीं.
स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में हमने देखा कि क्या हुआ था. आज की मुख्यमंत्री माइक तोड़ती दिखी थीं. सुप्रीम कोर्ट तक मामला गया.
आज साम दाम दंड भेद किसी भी तरह से भाजपा निगम की सत्ता में आना चाहती है.
हमने फैसला किया है कि मेयर चुनाव में अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं करेंगे। भाजपा ही अपना मेयर और स्टैंडिंग कमेटी बना ले और फिर काम करे।
दूसरी तरफ प्रवीण शंकर कपूर
प्रवक्ता दिल्ली भाजपा ने कहा कि
आम आदमी पार्टी भलीभांति जानती है की वह दिल्ली नगर निगम में ना सिर्फ बहुमत खो चुकी है बल्कि गत ढाई साल में नगर निगम का प्रशासनिक एवं रखरखाव कार्य दोनों ठप्प कर दिए हैं।
अब आम आदमी पार्टी त्याग का नाटक कर रही है और सम्भव है यहां से आगे “आप” एवं कांग्रेस गठबंधन करें।