कोरोना की भयावह यादें और उस वक्त का ख़ौफ़ लोगों में आज भी कायम है। लेकिन दिल्ली नगर निगम ने बड़ी मात्रा में दाह संस्कार के लिए लकड़ियों को खरीदा था और इसके बाद भी इन लकड़ियों का उचित उपयोग अब तक नही किया जा सका है। एमसीडी को सूझ नहीं रहा कि वो अब क्या करे?

RTI से खुलासा हुआ है कि साल 2022 में हुए एमसीडी के एकीकरण से पहले कोरोनाकाल में तत्कालीन दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने इन लकड़ियों की खरीदारी की थी।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम द्वारा कोरोना काल में अंतिम दाह संस्कार के लिए खरीदी गई लकड़ियां अब दिल्ली नगर निगम के जन स्वास्थ्य विभाग प्रशासन के लिए गले की फांस बन रही है और निगम का जन स्वास्थ्य विभाग इन्हें ठिकाने लगाने के तरीके खोज रहा है। वहीं, सूत्रों का कहना है कि लकड़ियों का सही दिशा में उपयोग नहीं हो किए जाने से लकड़ियों में दीमक आदि लगने से अब लकड़ियां खुद ही अपने अंतिम संस्कार की तरफ बढ़ रही हैं।
नजफगढ़ जोन के द्वारका इलाके में एक जंगल में लकड़ियां रखी गई हैं। RTI से खुलासा हुआ है कि लकड़ियों की ऐसी हालत की जानकारी नजफगढ़ जोन के उपायुक्त से लेकर निगम मुख्यालय बैठे एमएचओ ललन वर्मा तक को है लेकिन इस मामले में कोई भी अधिकारी उचित निर्णय नहीं ले पा रहा है। सूत्रों का कहना है कि इन लकड़ियों की रखवाली में जन स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मचारी भी तैनात किए गए और वे अपने कार्य करने की जगह इनकी रखवाली में लगे हुए हैं।
