पंजाब और हरियाणा के बीच पानी को लेकर उठने वाला विवाद अब दिल्ली को प्रभावित कर रहा है। बकौल जलमंत्री दिल्ली में जल संकट कोई हादसा नहीं बल्कि राजनीतिक साजिश है। राजधानी में जल संकट पर सियासी रार छिड़ गया वहीं जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि पिछले एक सप्ताह से हरियाणा से दिल्ली को मिलने वाला पानी गंभीर रूप से घटा है। इसकी वजह? पंजाब, जहां AAP की सरकार है, ने जानबूझकर भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) से छोड़े जाने वाले पानी को सीमित कर दिया है — जो हरियाणा को सप्लाई करता है और वहीं से दिल्ली को भी पानी मिलता है।
आंकड़े देकर प्रवेश ने कहा कि पानी की कटौती हर रोज़ के हिसाब से हो रही है। दिल्ली को सामान्य रूप से हरियाणा के माध्यम से प्रतिदिन 980 क्यूसेक पानी मिलना चाहिए। लेकिन पिछले पांच दिनों में यह आपूर्ति लगातार कम हुई है:
• 1 मई: 88 क्यूसेक कम
• 2 मई: 119 क्यूसेक कम
• 3 मई: 71 क्यूसेक कम
• 4 मई: 55 क्यूसेक कम
• 5 मई: 130 क्यूसेक कम
पांच दिनों में कुल 463 क्यूसेक पानी की कमी दर्ज की गई — यह एक भारी घाटा है जिससे शहर के लाखों घर प्रभावित हुए हैं। इसे प्रवेश ने साजिश करार दिया
“यह न तो सूखा है, न ही तकनीकी गड़बड़ी — यह एक राजनीतिक सज़ा है,” वर्मा ने कहा। “AAP की पंजाब सरकार स्रोत पर ही पानी की आपूर्ति रोक रही है। और दिल्ली में उनके नेता — जिनमें अरविंद केजरीवाल भी शामिल हैं — चुप्पी साधे हुए हैं। क्यों? क्योंकि यह साज़िश उन्हीं की सहमति से हो रही है।”
वर्मा ने कहा कि दिल्ली के मतदाताओं को अब आम आदमी पार्टी का असली चेहरा पहचान लेना चाहिए। “दस साल तक आपने उन्हें सत्ता दी। लेकिन जैसे ही आपने उन्हें नकारा, उन्होंने जनता को ही तकलीफ देना शुरू कर दिया। यह राजनीति नहीं, यह क्रूरता है।”
केंद्र सरकार और BBMB से हस्तक्षेप की अपील
वर्मा ने केंद्र सरकार और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) से इस मामले पर त्वरित कार्रवाई की मांग की। “यह सिर्फ राज्यों के बीच का मुद्दा नहीं है — यह हमारे लोकतंत्र की संघीय भावना पर खतरा है और आम नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर सीधा हमला है।”
हर दिल्लीवासी के अधिकार की लड़ाई
प्रेस वार्ता का समापन करते हुए वर्मा ने कहा, “यह दो करोड़ दिल्लीवासियों की बात है। यह उनके गरिमा के साथ जीने के अधिकार की बात है — खासकर भीषण गर्मी के समय में। हम उन चेहरों को बेनकाब करेंगे जो दिल्ली के पानी से खेल रहे हैं — और तब तक लड़ेंगे जब तक एक-एक बूंद वापस नहीं आ जाती।”