दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को पत्र लिखकर ऐतिहासिक दिल्ली विधानसभा परिसर को एक जीवंत धरोहर और सांस्कृतिक केंद्र में बदलने के लिए कहा है।
केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को लिखे पत्र में गुप्ता ने प्रस्ताव रखा है कि 1912 में निर्मित, भारत की विधायी और राजनीतिक विरासत से समृद्ध इस परिसर को राजधानी की लोकतांत्रिक धरोहर का उत्सव मनाने वाले एक धरोहर स्थल में बदला जाए।
दिल्ली विधानसभा भवन तो इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल के लिए स्थापित किया गया था, ये इमारत भारत की राजनीतिक यात्रा का एक प्रतीक है। ऐतिहासिक भवन ने देश की लोकतांत्रिक यात्रा के कई महत्वपूर्ण पड़ाव देखे हैं। यह न केवल एक स्थापत्य धरोहर है, बल्कि राष्ट्र की संस्थागत स्मृति का भी केंद्र है।
यही वजह है कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए, स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने मंत्रालय से अनुरोध किया है कि प्रस्तावित रूपांतरण के लिए एक समग्र परियोजना रिपोर्ट तैयार करने, भवन की वास्तुकला की मौलिकता को संरक्षित रखते हुए, इसे आम जनता के लिए अधिक सुलभ और प्रासंगिक बनाना है।
अध्यक्ष के प्रस्ताव में ये बातें शामिल हैं:
- भवन की मूल वास्तुकला का संरक्षण और पुनर्स्थापन।
- दिल्ली की विधायी और भारत की लोकतांत्रिक यात्रा को दर्शाने वाला एक विधायी संग्रहालय एवं इंटरैक्टिव प्रदर्शनी की स्थापना
- पर्यटकों के लिए सुविधाएं, गाइडेड टूर, जानकारीपूर्ण साइनबोर्ड, ऑडियो-विजुअल सहायता आदि के माध्यम से पर्यटन अवसंरचना का विकास
- स्थानीय कारीगरों, कलाकारों और सांस्कृतिक समूहों की भागीदारी से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन गुप्ता ने पत्र में कहा “यह पहल दिल्ली की लोकतांत्रिक विरासत को संरक्षित और सम्मानित करने की दिशा में एक कदम है। विधानसभा परिसर का धरोहर केंद्र के रूप में रूपांतरण न केवल अतीत को सम्मान देगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा और शिक्षा का स्रोत भी बनेगा।”