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केजरीवाल, सिसोदिया समेत बड़े नेताओं ने लिमिट से ज्यादा रुपये के सरकारी मोबाइल खरीदे’आशीष सूद

जनप्रतिनिधि के लिए मोबाइल एक नेसेसिटी, एक जरूरत है, मोबाइल एक चलता फिरता ऑफिस है । लेकिन उनके फोन कीमत की एक लिमिट होती है। मौजूदा सरकार ने
आप पर एक और आरोप लगाया

कोविड काल में 145 करोड़ के घटाले का आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाने के ठीक एक दिन बाद दिल्ली के गृह मंत्री आशीष सूद ने संगीन आरोप लगाया कि
पिछली सरकार के चार बड़े नेताओं अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने महंगे फोन खरीदे और सरकारी नोट के हवाले से बताया कैसे इन चारों नेताओं ने लिमिट ना होने के बावजूद भी महंगे महंगे फोन खरीदे और उन फोनो के बिलों का भुगतान करने के लिए सरकार पर अनुचित दबाव भी बनाया। आपको बता दें कि 2013 में मुख्यमंत्री –₹50,000 और मंत्रियों के लिए ₹45,000 का मोबाइल लेना अलाउड था।

सूद का दावा है कि आम आदमी पार्टी नेताओं ने अपने यूज़ के लिए लिमिट से भी ज्यादा के मोबाइल फोन खरीदे थे और उनके भुगतान के लिए सरकार पर दबाब भी डाला था। वो लोग हम लोगों को कह रहे है की हमने महँगे फोन खरीदने के लिए आदेश दिए है।

अरविंद केजरीवाल ने 4 मोबाइल खरीदे

आशीष सूद ने सिलसिलेवार बताया कि
अरविंद केजरीवाल ने 2015 से 2022 के बीच में दिल्ली सरकार से चार मोबाइल लिए। पहला मोबाइल 1/12/2015 को, iPhone 6s Plus, दूसरा मोबाइल लिया 12/9/2017, iPhone Plus 7, तीसरा मोबाइल लिया 4/12/2020, कोविड के दौरान, iPhone 12 Pro Max ₹1,45,900 का। पहला मोबाइल लिया ₹81,000 का, जबकि लिमिट थी ₹50,000. दूसरा मोबाइल लिया iPhone Plus ₹69,000 का, तीसरा मोबाइल लिया iPhone 12 Pro Max ₹1,39,900 का 4/12/2020 को, कोविड के बीच में फिर iPhone 13 Pro Max लिया 13/7/2022 को ₹1,63,900 का। अनुमति थी ₹50,000 का मोबाइल खरीदने की। आपको जानकार हैरानी होगी कि सरकार ने अपने सरकारी नोट में कहा कि “दी अमाउंट स्पेंड ऑन iPhone इज ऑन हायर साइड। इन छोटे-छोटे मोबाइल पर चिट्ठी लिखता है सीएम का कार्यालय कि “AMOUNT SPENT IS ON HIGHER SIDE OF THE PRESCRIBED LIMIT FOR PURCHASE OF PHONE FOR CM. IT IS BELIEVED THAT RELAXATION HAS BEEN SOUGHT BEYOND PRESCRIBED LIMIT TO WORDS PURCHASE OF PHONE.। सरकार से रिलैक्सेशन मांगी गई ₹50,000 के फोन की लिमिट पर।

फोन की लिमिट सिर्फ 45 हज़ार बाबजूद इसके तीन-तीन गुना के फ़ोन लिए’

सूद ने आगे कहा की तत्कालीन मंत्री मनीष सिसोदिया ने 11/7/2017 को Samsung गैलेक्सी S8 विद एक्सेसरीज़ खरीदा ₹59,899 का। 17 के बाद, फिर Samsung S8 खरीदा 18 में Samsung का मोबाइल S8 लिया ₹49,000 का। 2019 में फिर फिर ₹1.12 हज़ार का फ़ोन लिया विद एक्सेसरीज़। 21 में iPhone 12 प्रो मैक्स 1.66 में लिया। 18 में लिया, 19 में लिया। 11/10/2022 में iPhone 13 प्रो मैक्स ₹1.37 हज़ार का लिया । अब आप देखिए। 17 में लिया, 18 में लिया, 19 में लिया, 20 में नहीं ले पाए, 21 में लिया, 22 में लिया। कोविड के अहम दौर में इनके ख़र्चे बढ़ते चले गए।
कोविड के दिनों में अरविंद केजरीवाल ने ₹1,40 हज़ार और ₹1,64 हज़ार का फ़ोन लिया । मनीष सिसोदिया ने ₹1,66,700 और ₹1,37 हज़ार का फ़ोन लिया । मंत्री के नाते उनकी हैसियत केवल 45 हज़ार की थी। उन्होंने भी एक्स पोस्ट फ़ैक्टो एप्रूवल के लिए सरकार से कहा । ऐसे दबाव बनाते थे ये आम आदमी पार्टी के नेता सरकार पर।

अधिकारियों से एक्स पोस्ट फ़ैक्टो एप्रूवल मांगा’

आतिशी मर्लीना ने 2023 में 1,27,999 का फोन खरीदा, ₹1,27,999 का । इनको एंटाइटलमेंट थी ₹45,000 की । तो ₹1,27,000 का फोन खरीदा। मगर चतुर खिलाड़ी थी। इन्होंने क्या किया? कहा भई, दो बार में बिल करो। एक बार ₹45,000 की पेमेंट करा दी, दूसरी बार बाकी ₹89,000 की पेमेंट करा दी, कि एक ही साथ दिखे। ₹1,27,000 की पेमेंट को दो बार में करवा दिया। चतुराई है ना? कि पकड़ में ना आए।

मंत्री के नाते उनकी हैसियत केवल 45 हज़ार की थी। उन्होंने भी एक्स पोस्ट फ़ैक्टो एप्रूवल मांग की ।
आशीष सूद ने बताया कि
आतिशी मर्लीना आप भी भ्रष्टाचार में विकसित होकर गई हैं। आप भी पूछ रही थीं, विकास किसका हुआ? कैसे हुआ? फिर स्वघोषित बेरोजगार नेता हैं। इन्होंने भी कोशिश तो की थी, मगर कोई समझदार आदमी दबाव में नहीं आया होगा।

मनीष सिसोदिया भी और अरविंद केजरीवाल भी। एक्स पोस्ट फ़ैक्टो सैंशन का दबाव बनाते थे, कहते हैं अधिकारी हमारी मानते ही नहीं। 45 हज़ार का फ़ोन था तुम्हारे पास। तुम तीन-तीन गुना के फ़ोन ले रहे हो। अधिकारी तुम्हारे कहे पे साइन कर रहे हैं। पूछो इनसे। अरे तुम तो भ्रष्टाचार में विकसित हो गए।

सूद ने कहा कि सौरभ भारद्वाज ने 2023 में 61000 का आईफोन लिया था। लेकिन सरकार की तरफ सौरभ भारद्वाज को मात्र 45000 रुपए का भुगतान किया गया उनको लग रहा था कि जैसे सब बड़े नेताओं के बिल निकल जाएंगे वैसे ही मेरा भी बिल निकल जाएगा लेकिन यह हो ना सका।

‘वी शुड NOT weaken the institutions. वी शुड NOT malign the institutions’

सूद ने कहा कि लाखों रुपए के मोबाइल खरीदेंगे। और बाद में अपने रोजगार चलाने के लिए दिल्ली की सरकार पर आरोप लगाएंगे कि विकास किसका हुआ? विकास किसका हुआ? विकसित होकर गए भ्रष्टाचार में। अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया, । अगर मुख्यमंत्री पर इंडिविजुअल आरोप लगाया होता, तो हम नहीं बोलते। रोज ही तो लगा रहे हैं।। मुख्यमंत्री के कभी परिवार के बारे में बोलते हैं। हम अपना काम कर रहे हैं। मगर जब आप एक इंस्टिट्यूशन, सरकार दिल्ली सरकार, पर आरोप लगाते हैं तो वह है सर्वथा गलत है वी शुड NOT weaken the institutions. वी शुड NOT malign the institutions. हमें ऐसे काम नहीं करने चाहिए।


जिन्होंने आपके सामने कहां की हम अपने घरों से अपनी बहुत बड़ी-बड़ी नौकरियां छोड़ कर आए हैं। हम जीवन में सादा जीवन जीने के लिए आए हैं। हम बहुत क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए आए हैं। त्याग करके आए हैं। अपनी नौकरियां छोड़ दी, बच्चे नहीं पाल पा रहे हैं, ये है इनका खेल, देख लो। डेढ़-डेढ़, दो-दो लाख रुपए के मोबाइल, अन-एंटाइटलमेंट के मोबाइल लेते हैं।

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