त्योहारी सीजन से पहले ही दिल्ली के कारोबारियों को एक बड़ा तोहफा देते हुए उन फैक्ट्रियों के ले लाइसेंस अनिवार्यता खत्म कर दी जो दिल्ली सरकार या फिर Delhi State Industrial and Infrastructure Development Corporation Limited (DSIIDC) से मान्यता मिल चुकी है।
..तो क्या अब नया लाइसेंस लेना होगा?
बिल्कुल नहीं। जिनके पास पुराने लाइसेंस हैं रिनिअल के समय यह कदम दिल्ली को व्यवसायिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अहम है। एमसीडी ने सभी जोनल डिप्टी कमिश्नरों को इसके लिए जरूरी निर्देश भी जारी कर दिया है।
नया लाइसेंस ना लेकर ये करना होगा
सिर्फ प्रॉपर्टी टैक्स का 5 फीसदी शुल्क जमा करने के बाद दस्तावेज डाउनलोड कर लाइसेंस के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा। हालांकि, अग्नि सुरक्षा, प्रदूषण नियंत्रण और निर्माण नियमों का पालन करना होगा।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने ट्विटर पर लिखा
MCD फैक्ट्री लाइसेंस व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव आज से लागू किया गया है। अब GNCTD/DSIIDC द्वारा मान्यता प्राप्त औद्योगिक क्षेत्रों में संचालित फैक्ट्रियों को MCD से अलग से फैक्ट्री लाइसेंस लेने की आवश्यकता नहीं होगी। दिल्ली सरकार ने “Ease of Living” और “Ease of Doing Business” को सशक्त बनाने की दिशा में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। यदि फैक्ट्री के पास MSME उद्यम पंजीकरण या GNCTD/DSIIDC का अलॉटमेंट लेटर/लीज़ डीड है तो वही दस्तावेज अब धारा 416/417, DMC Act के तहत MCD लाइसेंस के रूप में मान्य होगा। अब कोई अलग लाइसेंस नहीं लेना होगा, जिससे न केवल अनावश्यक कागजी प्रक्रिया घटेगी, बल्कि पारदर्शिता और उत्तरदायित्व भी सुनिश्चित होगा। यह निर्णय दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्र को आत्मनिर्भरता और सुविधा आधारित शासन की दिशा में मजबूत करेगा।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को फैक्ट्री लाइसेंसिंग नियमों में ऐतिहासिक बदलाव की घोषणा की है। अब दिल्ली सरकार या दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएसआईआईडीसी) की ओर से मान्यता प्राप्त औद्योगिक क्षेत्रों की फैक्ट्रियों को एमसीडी से अलग लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं होगी। यह कदम ”ईज ऑफ लिविंग” और ”ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। इससे उद्यमियों को राहत मिलेगी।