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आखिर क्यों टल गया एमसीडी की 23 कमिटियों का चुनाव, नेता प्रतिपक्ष ने मेयर पर मढ़ दिया बड़ा आरोप

एमसीडी की स्पेशल और तदर्थ कमेटीयों की 3 जुलाई 2025  को नॉमिनेशन की लास्ट डेट थी,  लेकिन 2 जुलाई को म्युनिसिपल सेक्रेटरी ने पत्र संख्या 358/MS/MCD//2025 के जरिए एक नोटिफिकेशन जारी कर इलेक्शन की नई तारीख आने तक रद्द कर दिया। सूत्रों ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के कुछ पार्षदों की नाराजगी के चलते चुनाव को डाला गया इसकी जानकारी मेयर के आदेश पर निगम सचिवालय को दी गई और फिर 10 तारीख को होने वाले विशेष और तदर्थ समितियां को चुनाव को फिर डाल दिया गया। करीब 23 विशेष और तदर्थ समितियां का चुनाव किया जाना था। पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सब कुछ ठीक रहा तो अगस्त के महीने में यह चुनाव हो सकता है। ये समितियां विभागों की संख्या, बजट अप्रूवल, पॉलिसी के मामले में स्थानीय मुद्दों पर चर्चा और प्रशासनिक निगरानी पर काम करती है।

आम आदमी पार्टी ने बीजेपी के मेयर राजा इकबाल सिंह द्वारा स्पेशल और एडहॉक कमेटियों के चुनाव रद्द करने पर कड़ी आपत्ति जताई है। एमसीडी में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग का कहना है कि मेयर को सत्ता का लालच है। वह एमसीडी की सारी शक्तियां अपने पास रखना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने स्पेशल और एडहॉक कमेटियों के चुनाव को रद्द कर दिया है। बीजेपी ने “आप” सरकार के दौरान भी कमेटियों का गठन नहीं होने दिया और अब जब खुद एमसीडी में है, तब भी इन कमेटियों का गठन नहीं होने देना चाहती है। अंकुश नारंग का कहना है कि राजा इकबाल सिंह सिर्फ सत्ता अपने हाथ में रखना चाहते हैं और दूसरों को कोई अधिकार देना नहीं चाहते। सूत्रों से पता चला है कि भाजपा के अंदर इस बात को लेकर रोष है, क्योंकि राजा इकबाल सिंह सारी शक्तियां अपने पास रखना चाहते हैं। सभी लोग इसका विरोध कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि कमेटियों का गठन खुला होना चाहिए। साथ ही, राजा इकबाल सिंह को भविष्य में किसी भी कमेटी का चेयरमैन नहीं बनाना चाहिए। इस रोष की वजह से मेयर भारी दबाव में हैं।

अंकुश नारंग ने कहा कि बीजेपी कभी नहीं चाहती कि दिल्ली की जनता के हित में काम हो। वे नहीं चाहते कि कमेटियों का गठन हो। भाजपा में सिर्फ एक व्यक्ति, मेयर राजा इकबाल सिंह, सारी शक्तियां अपने पास रखना चाहते हैं। यह दिल्ली की जनता के साथ अन्याय है। जब मेयर का चुनाव होना था, तब भी भाजपा ने इसे रोकने की कोशिश की। भाजपा ने माइक तोड़े। खुद सीएम रेखा गुप्ता उस वक्त निगम पार्षद थी। और पार्षद के रूप में रेखा गुप्ता खुद माइक तोड़ती हुई नजर आईं और उन्होंने कहा कि मेयर का चुनाव नहीं होगा। इस तरह उन्होंने दिल्ली के मेयर का चुनाव नहीं होने दिया। खूब हंगामा किया

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