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नरेश टिकैत के पाक समर्थित बयानों की जांच करे सरकार- भारतीय किसान संघ

जम्मू कश्मीर के पहलगांव में आतंकवादियों के द्वारा 26 निर्दोष भारतीय नागरिकों की हत्या के बाद भारत सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान के साथ जल बंटवारे के लिए की गई सिंधु जल संधि को रद्द कर दिया है। जिसको लेकर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत के भाई नरेश टिकैत का बयान कि भारत सरकार द्वारा सिंधु जल संधि को रद्द करना ठीक नहीं है।

महामंत्री मिश्रा ने कहा कि ऐसे बयानों से आतंकवादियों व देश विरोधी शक्तियों को बल मिलता है। देश के दुश्मनों को जड़ से खत्म कर देना ही इस समस्या का हल है। उन्होंने कहा कि इन तथाकथित नेताओं के बयान का भारत का किसान विरोध करेगा। भारतीय किसान संघ “राष्ट्र हित सर्वोपरि” के भाव को प्रधानता देता है और नरेश टिकैत के राष्ट्र विरोधी शक्तियों के पक्ष लेने वाले वक्तव्य की कड़ी निंदा करता है। किसान आंदोलन के नाम से जो घटनाक्रम देश के सामने आया था। उससे इन तथाकथित किसान नेताओं के चेहरे उजागर हुए हैं और जम्मू कश्मीर के पहलगांव की घटना के बाद भारत सरकार द्वारा सिंधु जल संधि को निरस्त करने के निर्णय की खिलाफत भरे भारतीय किसान यूनियन के नेताओं का बयान घोर निंदनीय है। भारतीय किसान संघ की मांग है कि सरकार इन देश विरोधी ताकतों के समर्थित बयान जीवियों की जांच कर कार्यवाही करे। जिससे इन लोगों में भी देश हित व राष्ट्र हित सर्वोपरि का भाव जागृत हो सके।

मुजफ्फरनगर- भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेन्द्र मलिक ने कचहरी परिसर में एक अनौपचारिक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अगर कोई देश अपने समर्थन से किसी देश में आतंकी घटनाओं को अंजाम देता है तो वह शत्रु देश होता है। भारत सरकार ने पाकिस्तानी प्रायोजित आतंकवाद की कमर तोड़ने हेतु अगर कोई कुट्नीतिक फैसले लिए है तो देश का हर नागरिक इन फैसलों के साथ है।

भारत सरकार ने एक फ़ैसला पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित करने का लिया है। यह फैसला बहुत पहले हो जाना चाहिए था, पूर्ववर्ती मौजूदा सरकार का जल संधि समझौता अव्यवहारिक था। वर्तमान में भारत सरकार अगर इसे ठीक रही है तो हमारे राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश के किसानों का लाभ होगा। हमारी नदी का 80% पानी पाकिस्तान को मिले यह व्यवाहारिक नहीं हो सकता है। हमारी सरकार से मांग है कि इसे निलंबित नहीं समाप्त किया जाय

अगर देश का कोई राजनैतिक या गैर राजनैतिक संगठन इसका विरोध करता है तो वह देश के साथ नहीं है अगर कोई फैसले का विरोधी है तो वह देश विरोधी है

हमारी भारत सरकार से मांग है कि आतंकी को संत बताने एवं देश के फैसलों का विरोध करने वालों नेताओं को भी देशद्रोही के नजरिए से देखते हुए उनके विरुद्ध कार्यवाही करनी चाहिए

यह लड़ाई हिन्दुस्तान बनाम पाकिस्तान नहीं यह लड़ाई हिन्दुस्तान बनाम आतंकवाद है जिसे हिन्दू,मुस्लिम,सिख, ईसाई सभी को मिलकर लड़ना होगा।

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