DelhiCivicAlerts
Delhi Alerts

केजरीवाल सरकार के खिलाफ बीजेपी की नई उम्मीद: पूर्वांचली वोटरों का समर्थन पाने की रणनीति

पूर्वांचली वोटरों का महत्व: दिल्ली देश की राजधानी होने के साथ-साथ प्रवासियों का शहर है। यहां की 42% वोटर पूर्वांचली हैं, जो विधानसभा चुनावों में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। बुराड़ी, लक्ष्मी नगर, करावल नगर जैसे क्षेत्र पूर्वांचलियों का गढ़ हैं। दिल्ली देश की राजधानी होने के साथ-साथ प्रवासियों का शहर कहा जाता है। दिल्ली की आबादी में करीब 40 फीसदी प्रवासी ही हैं जो उत्तर प्रदेश, बिहार और दिश के अलग अलग राज्यों में रोज़गार की तलाश में आते हैं। दिल्ली में करीब 42% वोटर पूर्वाँचली हैँ और लगभग 70 सीटों में आधे पर जीत हार में फर्क डालते हैँ। बुराड़ी, लक्ष्मी नगर, पड़पड़गंज, राजेंद्र नगर, बादली, मॉडल टाउन, घोंडा, करावल नगर, किराड़ी, रिठाला, छतरपपुर, द्वारका, पालम, विकासपुरी, बदरपुर, संगम विहार, और जनकपुरी दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में वो प्रमुख सीटे हैं जहां पर पूर्वांचली वोटर जिधर जाता है उसी की जीत तय मानी जाती है।

छठ पूजा की तैयारियाँ: आगामी छठ महा पर्व के लिए बीजेपी का पूर्वांचल मोर्चा खास योजना बना रहा है। पूरे दिल्ली में रजिस्टर छठ घाटों की सफाई की जा रही है ताकि पर्व की तैयारी अच्छी तरह हो सके।

व्रतियों को उपहार: पूर्वांचल मोर्चा ने घोषणा की है कि दिल्ली के हर मंडल में 11 व्रतियों को अर्घ्य का सामान उपहार के तौर पर दिया जाएगा। इससे पूर्वांचली वोटरों को जोड़ने की कोशिश की जा रही है।

नई टीम की घोषणा: आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बीजेपी ने पूर्वांचल मोर्चा की नई टीम की घोषणा की है। संतोष ओझा को अध्यक्ष बनाया गया है, जिनके नेतृत्व में पूर्वांचली समाज को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।

मनोज तिवारी की भूमिका: पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद मनोज तिवारी की भागीदारी को लेकर भी चर्चा है। पार्टी में पूर्वांचलियों की प्रमुखता को बढ़ावा देने के लिए तिवारी की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। बीजेपी से जुडे सूत्रों का दावा है कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद मनोज तिवारी के बाद प्रदेश स्तर की टीम हो या फिर पिछले निगम चुनाव पार्टी में पूर्वाँचलियों की भागीदारी बहुत कम रही है। तीसरी बार सांसद बनने के बाद पूर्वाँचलियों में उम्मीद थी कि सांसद मनोज तिवारी को मोदी सरकार में कोई ना कोई मंत्रालय मिलेगा लेकिन ऐसा ना होने पर पूर्वाँचलियों के एक बड़े तबके में नाराजगी भी है इन्ही वजहों से बीजेपी दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।

केजरीवाल सरकार की एंटी-इनकमबेंसी: दिल्ली में केजरीवाल सरकार के खिलाफ एंटी-इनकमबेंसी और घोटालों के आरोपों के कारण बीजेपी को 2025 विधानसभा चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत करने का भरोसा है।

बीजेपी का लक्ष्य केवल सत्ता में वापसी नहीं बल्कि पूर्वांचलियों का समर्थन भी हासिल करना है। नई टीम का गठन इसी दिशा में एक कदम माना जा रहा है। बीजेपी की इस रणनीति का असर आगामी चुनावों पर कितना पड़ता है, यह देखने वाली बात होगी। नई टीम को पूर्वांचलियों का समर्थन जुटाना होगा ताकि बीजेपी अपनी चुनावी संभावनाओं को मजबूत कर सके।

 

Related posts

निगम में थर्ड फ्रंट बनने पर मेयर बोले- आप में भ्रष्टाचार और तानाशाही का फल है

delhicivicalerts

MCD में सबसे बड़ा खेला मुस्तफाबाद वार्ड की कांग्रेस पार्षद ने किया और बीजेपी की जीती हुई बाज़ी आप के पास चली ऐसे समझिए

delhicivicalerts

“Ensure there is no waterlogging in Bada Bazar Road area” – Deputy Mayor

delhicivicalerts

Leave a Comment