इसी महीने(NOVEMBER 2024) मिल जाएगा दिल्ली को उसका मेयर, महापौर ने किया चुनाव का ऐलान, सिर्फ 3 महीने होगा कार्यकाल
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 होने में 3 महीने से भी कम का वक्त बचा हुआ है उससे पहले दिल्ली नगर निगम को उसका मेयर मिल जाएगा। महापौर शैली ओबेरॉय ने नए मेयर के चुनाव का ऐलान कर दिया है जो 14 नवंबर को MCD की बैठक चुन लिया जाएगा। मेयर चुने जाते ही मौजूदा मेयर शैली ओबेरॉय पूर्व मेयर हो जाएंगी। अप्रैल 2024 से ही नए मेयर का चुनाव अटका हुआ था। दिल्ली नगर निगम का एक्ट ये कहता है कि नए मेयर के चुनाव की तारीख और समय मेयर निर्धारित करती हैं तो वहीं चुनाव करवाने के लिए पीठासीन अधिकारी दिल्ली के एलजी तय करेंगे। जाहिर है विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी और आप दोनों चाहेंगे कि मेयर उसका हो और विधानसभा चुनाव में उत्साह के साथ उतर सके।
बीजेपी ने कसा तंज़
नेता प्रतिपक्ष, एमसीडी सरदार राजा इकबाल सिंह ने चुनाव के ऐलान के बाद आं आदमी पार्टी पर तंज़ कसा और कहा कि आखिरकार भाजपा का संघर्ष रंग लाया। भाजपा के दवाब में आप ने 14 नवंबर को महापौर चुनाव की अनुमति दी। लेकिन, दलित समाज आप द्वारा किए गए अन्याय को याद रखेगा। सात माह तक आप ने दलित महापौर को सीट पर बैठने से रोका। दुख की बात है कि आप की दलित विरोधी मानसिकता से दलित महापौर को सिर्फ तीन माह का कार्यकाल मिलेगा। इससे दलित समाज आप से नाराज है। जिसका प्रमाण आप से दूर हो रहा अनुसूचित समाज है। आप के अनुसूचित समाज ने आप को छोड़ा साथ ही विधायक भी आप छोड़कर जा रहे है। साथ ही जनता में भी इसको लेकर काफी गुस्सा है। जिसका जवाब दिल्ली की जनता अगामी विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को हराकर देगी। साथ ही भाजपा दिल्ली में सरकार बनाएगी। भाजपा ने सड़क से लेकर सदन तक आप को मजबूर कर दिया वह महापौर चुनाव कराए। नहीं तो महापौर की मंशा दलित का हक मारकर 2027 तक सीट पर बैठे रहने की थी।

ऐसे अटक गया था चुनाव
आम आदमी पार्टी शासित एमसीडी में मौजूदा मेयर शैली ओबेरॉय एक्सटेंशन पर हैं। अप्रैल 2024 से ही दिल्ली नगर निगम को उसका तीसरा मेयर चुना जाना बाकी है। अब जब मेयर और सीएम दोनों आप की हैं और केजरीवाल ने इसी 16 अक्टूबर को खत लिखकर मेयर का चुनाव करवाने की बात कही बावजूद इसके दिल्ली को उसका तीसरे साल का अनुसुचित जाति का मेयर नही मिला। बीते 28 अक्टूबर को मेयर ने बैठक में ऐलान किया था कि दीवाली के बाद चुनाव होंगे। दिल्ली नगर निगम का एक्ट ये कहता है कि नए मेयर के चुनाव की तारीख और समय मेयर निर्धारित करती हैं तो वहीं चुनाव करवाने के लिए पीठासीन अधिकारी दिल्ली के एलजी तय करेंगे।
मौजूदा मेयर शैली का ऐसे बढ़ता गया एक्सटेंशन
अप्रैल 2024 में महापौर के चुनाव के वक्त बीजेपी और आप ने प्रत्याशी घोषित कर दिया लेकिन पीठासीन अधिकारी तय करने वाली यह कहकर लौटा दी कि फाइल पर सीएम का रिकमेंडेशन नही है साथ ही नए मेयर चुने जाने तक मौजूदा मेयर को पद पर बने रहने के लिए कहा। तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उस वक्त जेल में थे लिहाजा वो रिकमेंडेशन नही कर पाए। तभी अप्रैल 2024 महापौर का चुनाव लंबित चल रहा है।
मेयर चुनाव पर ये कहता है कि दिल्ली नगर निगम का एक्ट
दिल्ली नगर निगम के मयर का चुनाव हर साल अप्रैल में होता है। दिसंबर 2022 में जब निगम के आम चुनाव हुए तो आप ने 134 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद आप पार्षद डॉ. शैली ओबेराय फरवरी 2023 महापौर बन गई थी। वित्तीय वर्ष खत्म हुआ तो अप्रैल 2023 में हुए महापौर के चुनाव में फिर शैली ओेबेराय महापौर चुनी गई। अप्रैल 2024 का महापौर चुनाव हो नहीं पाया एमसीडी एक्ट के अनुसार महापौर पद पर पहला साल महिला पार्षद के लिए आरक्षित, दूसरा जनरल और तीसरा साल अनुसूचित जाति के पार्षद के लिए आरक्षित होता है।