प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र यादव के नेतृत्व में हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा मुख्यालय पर डा0 अम्बेडकर के खिलाफ कथित अपमानजनक बयानबाजी करने पर अमित शाह के इस्तीफे की मांग की।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव के नेतृत्व में सैंकड़ो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने डा0 अम्बेडकर पर संसद में आपत्तिजनक बयान देने के खिलाफ गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग को लेकर भाजपा मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया ।
भारी संख्यां में मौजूद कार्यकर्ता “अमित शाह माफ़ी मांगे, माफ़ी मांगे“, “दलितों का ये अपमान, नहीं सहेंगे, नहीं सहेंगे“, “अमित शाह इस्तिफ़ा दो, इस्तिफ़ा दो“, “बीजेपी हाय-हाय“ गगनचुंबी नारे लगा रहे थे।
यादव ने कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा बाबा साहेब संविधान निर्माता, जिन्होंने करोड़ो देशवासियों को सम्मान और स्वाभिमान से जीने का अधिकार दिया, उनका अपमान देश बर्दाश्त नही करेगा। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह के डा0 अम्बेडकर के खिलाफ अपमानजनक बयान पर प्रधानमंत्री मोदी देश से माफी मांगे और अमित शाह तुरंत प्रभाव से इस्तीफा दें। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब की फोटो के साथ खिलवाड़ करना करना भाजपा की मनुवादी सोच का परिणाम है। कहीं अम्बेडकर की मूर्ति गिराई जाती है, कहीं उनकी मूर्ति तोड़ी जाती है, उसी सोच के चलते अमित शाह ने संसद में बाबा साहेब का अपमान करते है और इसी सोच के तहत भाजपा देश के संविधान को बदलना चाहती है, लेकिन करोड़ों लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए बनाए गए संविधान को बदलने की ताकत किसी में नही है। संविधान की रक्षा और लोगों की सुरक्षा के लिए राहुल गांधी जी तानाशाही सरकार के खिलाफ लम्बे समय से संसद से सड़क तक लम्बी लड़ाई लड़ रहे है।
यादव ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा नेता स्पष्ट खुले आम देश की जनता के सामने भाषण दे रहे थे कि अगर 400 पार हुए तो संविधान बदल देंगे। उन्होंने कहा कि अमित शाह के बयान के बाद भाजपा को समझ चुकी है कि उन्हें अम्बेडकर के खिलाफ बयानबाजी का खामियाजा उठाना पड़ेगा, क्योंकि अम्बेडकर का अपमान पूरे देश का अपमान है।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि भाजपा और आरएसएस के लोगों का संविधान को नही मानने की प्रवृत्ति को पूरा देश जानता है, यह अम्बेडकर द्वारा लिखे संविधान के विधान की मजबूरी ही है जो यह संविधान के तहत शपथ लेते है। भाजपा के लोग हमेशा बांटने, जाति, वर्ग विशेष की राजनीति करते आए है। देश और दलितों के नायक अम्बेडकर का संसद में अमित शाह द्वारा अपमान करना महंगा साबित होगा।