दो अलग अलग अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए नोटिस और मोहलत एक होगी या अलग अलग? सवाल का जवाब है निगम एक्ट के तहत सिर्फ तीन दिन का नोटिस और उसके अंदर कारवाई की जाती है लेकिन बीजेपी प्रवक्ता ने एक अलग ही खेल उजागर करने का दावा किया है वो भी प्रूफ के साथ। कमिश्नर ने कहा है इस पूरे मामले को देख रहे हैं।
दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने निगमायुक्त अश्वनी कुमार का ध्यान निगम के राजनीतिक नेतृत्व एवं छोटे अधिकारियों की मिली भगत से अवैध निर्माण माफिया को संरक्षण के लिए चले नए खेल की ओर आकृष्ट कर इस पर रोक लगाने की मांग की है।
हाल ही में माफियों, दंगाईयों एवं बदमाशों के घरों पर उत्तर प्रदेश सरकार के बुलडोजर अभियान से जुड़े मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसे मामले में 15 दिन का नोटिस देने का निर्देश दिया।
दिल्ली नगर निगम में चल रहे आम आदमी पार्टी शासन ने निचले स्तर के अधिकारियों के साथ मिल कर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश को ही दिल्ली में अवैध निर्माण एवं अतिक्रमण माफिया को बचाने का हथियार बना लिया है।
किसी भी बड़े अवैध निर्माण को अब कुछ दिन पहले दिल्ली नगर निगम 3 दिन का धारा 343/ 344(1) का बुकिंग नोटिस देकर अवैध निर्माण बंद करने का नोटिस देता था और उस निर्माण को रोकने का पत्र स्थानिय थाने में भेजता था।
दिल्ली नगर निगम के राजनीतिक नेतृत्व के निर्देश पर जोनल स्तर के अभियंताओं ने बिना निगमायुक्त, कानून विभाग या जोनल उपायुक्त से अनुमति लिए बुलडोजर अभियान मामले के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश को अपनी कार्यवाई का भाग बना लिया है।
दिल्ली नगर निगम के नेता एवं अधिकारी अब छोटे छोटे निर्माणों को जहां से आर्थिक लाभ नही होना को पहले के प्रवाधान अनुसार 3 दिन का नोटिस देते हैं पर जहां निर्माण व्यवसायिक हो बड़ा हो जिससे आर्थिक लाभ मिल सकता हो उसे माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश का हवाला देकर 15 दिन का नोटिस देने लगे हैं।
15 दिन मे माफिया अवैध निर्माण पूरा कर लेगा।
प्रवीण शंकर कपूर ने इस संदर्भ में निगमायुक्त को निगम के एक जोन द्वारा एक ही वार्ड में जारी दो नोटिस की प्रति भेजी है और सबंधित अधिकारी से जवाब मांगने का अनुरोध किया है।
कपूर ने निगमायुक्त से मांग की है कि वह इस पर कानून विभाग की सलाह अनुसार सभी जोनल उपायुक्तों को निर्देश जारी करें।