5 फरवरी को दिल्ली में वोट पड़ेगा और 7 को मतगणना होगी उससे पहले आण आदमी पार्टी को सियासी झटका लगा है। एमसीडी में मंगलापुरी इलाके से दो बार से पार्षद रहे नरिंदर गिरसा और बापरौला से पार्षद रविन्द्र सोलंकी
ने बीजेपी का दामन थाम लिया। रविन्द्र सोलंकी वार्ड न 111 बापरौला से पार्षद हैं। इससे पहले उनकी पत्नी पूनम सोलंकी पार्षद रही। नरेंद्र गिरसा वार्ड न 119 मंगला पुरी से पार्षद हैं। निगम में पाला बदलने से सदस्यता पर असर नहीं पड़ता है।क्योंकि यहां पर एंटी डिफेक्शन लॉ नहीं लागू होता।
दोनों पार्षदों के बीजेपी में आने से रणनीतिक तौर पर मजबूती बीजेपी को मिली है तो वहीं निगम की सबसे पावरफुल कमिटी स्टैंडिंग में बीजेपी का चेयरमैन लगभग तय हो गया है क्योंकि संख्याबल बीजेपी की ज्यादा हो गई। विधानसभा चुनाव 2025 के बाद विपक्ष में बैठी बीजेपी निगम में एक और विजय की तरफ बढ़ती दिखाई दे रही है।
पश्चिमी दिल्ली को मिला त्रिपल इंजन
कमलजीत सेहरावत ने कहा सोलंकी और गिरसा ने पाला नहीं बदला केजरीवाल ने बदला है जिसकी वजह से दोनों पार्टी बदलने को मजबूर हुए। जमीन से जुड़े चुनाव में जनता की सेवा करके दूसरी बार पार्षद बनने वाले ये दोनों के लिए एरिया में मुश्किल हो रही थी। दो साल से नगर निमग में आम आदमी पार्टी का शासन है। लेकिन पार्षदों को विकास के लिए सिर्फ 15 लाख रूपए मिल रहे। यो दोंनों आप के संस्थापक सदस्य रहे लेकिन संस्थागत पार्टी को छोड़ दिया। बदले अरविंद हैं जिन्होंने कूड़ा पहाड़ हटाने का काम नही किया आज एमसीडी रिटायर्ड को पेंशन नही मिल रही है। सहरावत ने कहा कि पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में अब विकास चरम पर होगा क्योंकि दोनों पार्षद और सांसद अब बीजेपी से ही हैं।