आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में मतदाताओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए, दिल्ली नगर निगम के करोल बाग जोन ने एक विशेष पहल, “डेमोक्रेसी डिस्काउंट,” की घोषणा की है।
- छूट की पेशकश: करोल बाग जोन के 500 से अधिक गेस्ट हाउस, 30 रेस्तरां, और 32 मिठाई की दुकानों ने 15% से 20% तक की विशेष छूट की घोषणा की है।
- मतदान का प्रमाण: इस विशेष छूट का लाभ उठाने के लिए मतदाताओं को अपनी तर्जनी पर अमिट स्याही का निशान दिखाना होगा, जो उनके मतदान का सबूत होगा।
- मतदाताओं के लिए प्रोत्साहन: इस पहल का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने और चुनावों में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
- उपायुक्त का संदेश: उपायुक्त करोल बाग क्षेत्र अभिषेक कुमार मिश्रा ने कहा कि “हर वोट मायने रखता है,” और यह पहल मतदाताओं को उनकी प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद देने का एक तरीका है।
- निवासियों की भागीदारी: निर्वाचन क्षेत्र संख्या 23, 24, 25 और 26 के निवासियों को इस पहल का लाभ उठाने और 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में मतदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
रोहिणी ज़ोन ने नागरिकों की भागीदारी बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य मतदाताओं, विशेष रूप से पहली बार मतदान करने वालों को प्रोत्साहित करना है, ताकि वे अपने मतदान के अधिकार का समुचित उपयोग कर सकें और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा बन सकें। इस विशेष पेशकश के तहत, मतदाताओं को रोहिणी ज़ोन के चुनिंदा भोजनालयों, गेस्ट हाउसों और सिनेमा हॉल में 25% की छूट दी जाएगी।
विशेष छूट: मतदाताओं को उनके मतदान के अद्वितीय पहचान के निशान (अमिट स्याही) के आधार पर 25% की छूट मिलेगी।
- चुनिंदा स्थान: यह छूट रोहिणी ज़ोन में स्थित विशेष भोजनालयों, गेस्ट हाउसों और सिनेमा हॉल में लागू होगी, जिनकी सूची MCD द्वारा जारी की गई है।
- प्रथम बार मतदाता: पहली बार मतदान करने वाले नागरिकों को इस छूट का अधिकतम लाभ मिलेगा, जिससे उन्हें मतदान के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
- पहल का उद्देश्य: इस पहल का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को मतदान के लिए प्रोत्साहित करना और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में नागरिक सहभागिता को बढ़ावा देना है।
MCD रोहिणी ज़ोन ने सभी पात्र नागरिकों से आह्वान किया है कि वे इस विशेष पहल में भाग लें और अपने मतदान के माध्यम से लोकतंत्र को सशक्त बनाएं। यह पहल न केवल एक नई सोच का परिचायक है, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में जन भागीदारी बढ़ाने का एक अभिनव प्रयास भी है।