दिल्ली नगर निगम (MCD) की 12 सीटों पर होने वाले उपचुनाव का मुद्दा वर्तमान में चर्चा का विषय बना हुआ है। नवनिर्वाचित विधायकों के निगम सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद ये सीटें खाली हो गई हैं। इनमें 8 सीटें भाजपा पार्षदों द्वारा छोड़ी गई हैं, जबकि 3 आम आदमी पार्टी (AAP) के पार्षदों और 1 मनोनीत पार्षद के इस्तीफे से खाली हुई हैं। नियमानुसार, माह के अंत में रिक्त सीटों की सूचना दिल्ली राज्य निवार्चन आयोग को दी जानी है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के पश्चात, अब सभी नवनिर्वाचित विधायकों ने पार्षद पद से इस्तीफा दे दिया है, जिससे MCD में कुल 12 सीटें खाली हुई हैं। उल्लेखनीय है कि एक सीट लोकसभा चुनाव के कारण पहले से ही खाली थी। सूत्रों के मुताबिक, ये उपचुनाव अगले चार माह के भीतर आयोजित किए जा सकते हैं। इन उपचुनावों का महत्व इस कारण से भी बढ़ गया है क्योंकि इससे नगर निगम की सत्ता का संतुलन प्रभावित हो सकता है। आप शासित एमसीडी में 114 पार्षद लेकिन बीजेपी के 116 हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में 22 पार्षदों ने भाजपा, कांग्रेस और AAP की ओर से चुनाव लड़ा था, जिसमें भाजपा के 8 और AAP के 3 पार्षद विजयी हुए। इस स्थिति में दिल्ली नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह का दावा है कि भाजपा सभी रिक्त सीटों पर विजय प्राप्त करेगी। सीएम रेखा गुप्ता के सामने इन सीटों को जीतना होगा तो वहीं निगम चुनाव 2027 में होना है।
राजा इकबाल सिंह ने बताया कि सभी नवनिर्वाचित विधायकों ने 14 दिन की समय-सीमा के भीतर अपने पार्षद पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने आगे कहा कि आगामी उपचुनाव में भाजपा अपने प्रत्याशियों के माध्यम से सभी सीटों पर रिकॉर्ड मतों से विजय हासिल करेगी। अब देखना यह होगा कि आगामी उपचुनावों में कौन सी पार्टी नगर निगम की खाली सीटों पर अपना दबदबा बना पाती है।