दिल्ली में कथित पावर कट को लेकर आप और बीजेपी सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप बढ़ता जा रहा है तो वहीं ऊर्जा मंत्री आशीष सूद ने बड़ा दावा किया कि बीते 10 साल के केजरीवाल के शासनकाल में पांच घंटे से ज्यादा राजधानी में 51958 बार बिजली गुल हुई जो हर रोज़ औसतन 14 बार है। सूद ने कहा कि पूर्व उर्जा मंत्री आतिशी मार्लिना दिल्ली की जनता को झूठ बोलकर गुमराह कर रही हैं। झूठ बोलकर शांति भग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कानूनी सलाह ली जा रही है।
दिल्ली के उर्जा मंत्री आशीष सूद ने दिल्ली सचिवालय में बिजली कटौती पर नेता प्रतिपक्ष आतिशी मार्लिना की पावर कट को गलतबयानी करार देते हुए लोगों में भय फैलाने का आरोपी बताया। झूठे आरोपों के जवाब में सूद ने कहा कि फैलाए जा रहे भ्रम के लिए हमारी सरकार कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। इस संबंध में विभिन्न विभागों से परामर्श भी किया जा रहा है।
उर्जा मंत्री ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी की सरकार में पिछले दस सालों में पांच घंटे से ज्यादा राजधानी दिल्ली में बिजली कट 51958 बार हुआ है। यानी दिल्ली में औसतन प्रतिदिन 14 बार बिजली गई है। दो दिन पहले विधानसभा में विपक्ष ने जो ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखा था। उसके बारे में जब मैं विस्तार से जवाब दे रहा था तब पूरा विपक्ष सदन से ही गायब था।
विश्व में कोई भी बिजली का ऐसा नेटवर्क नहीं है जिसमें शटडाउन किए बिना बिजली का रख-रखाव किया जा सके। 23 मई 2023 को उर्जा से संबंधित मीटिंग के मिनट्स निकाले गए थे। जिसमें कई सारे तथ्यों को उजागर किया गया है। दिल्ली सरकार को बिजली कंपनियों ने यह भी बताया कि तीन से चार घंटे के लंबे बिजली कट पिछली सरकार के दौरान भी कई बार लगे थे।
मिनट्स ऑफ मीटिंग में यह भी कहा गया था कि तत्कालीन उर्जा मंत्री ने ग्रीष्मकालीन तैयारियों के संबंध में बिजली कंपनियों से गहन पूछताछ भी की थी और इस संबंध में पूर्व मंत्री ने अपनी गहरी चिंता भी जताई थी। उन्होंने यह भी बताया कि 23 जून की मीटिंग के मिनट्स में तत्कालीन उर्जा मंत्री आतिशी मर्लिना ने दिल्ली के बिजली कंपनियों से यह भी जानकारी ली थी कि किन-किन इलाकों में लगातार तीन से चार घंटे बिजली गई थी। दिल्ली की पूर्व उर्जा मंत्री आतिशी मार्लिना ने फ्रीडम फाइटर कॉलोनी, साकेत, अलकनंदा, आया नगर, बेगमपुर जैसे कई इलाकों में लगातार बिजली कट के संबंध में बीआरपीएल से भी जानकारी मांगी थी।
आतिशी मार्लिना ने बिजली कंपनियों से उन क्षेत्रों का विवरण मांगा था जहां बिजली कटौती होती है पूर्व उर्जा मंत्री ने यह भी जानना चाहा था कि बार-बार बिजली कटौती वाले क्षेत्रों का विवरण सरकार को दिया जाए और इसे हल करने के लिए सारी योजनाओं और समय सीमा भी बताया जाए।
अगर आतिशी मार्लिना और अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि उनके शासनकाल में दिल्ली में एक मिनट भी बिजली बंद नहीं हुई तो इसका मतलब यह हुआ कि बिजली का रखरखाव ही नहीं हुआ। झूठे आरोप लगाकर शांति का माहौल खराब करने वालों के खिलाफ BNS के धारा के तहत कठोर कार्रवाई होगी।
आशीष सूद ने बताया कि BSES राजधानी पावर ने 5 घंटे से ज्यादा बिजली काटे जाने के पिछले 10 साल के पूरे आंकड़े के साथ जानकारी दी। आंकड़ों के मुताबिक पिछले 10 साल में 51958 बार दिल्ली में पांच घंटे से ज्यादा बार बिजली काटी गई थी। आंकड़ों के मुताबिक साल 2015 में 7160 बार, 2016 में 8659 बार, 2017 में 7301 बार, साल 2018 में 6265 बार, 2019 में 5010 बार, 2020 में 3807 बार, 2021 में 3671 बार, 2022 में 2692 बार, 2023 में 3486 बार और 2024 में 3907 बार बिजली काटी गई है। यानी 10 साल में पांच घंटे से ज्यादा 51958 बार बिजली काटी गई थी।
SLDC ने हमें लिख कर दिया है कि आतिशी मार्लिना ने एसएलडीसी की साइट का आंकड़ा बताकर जो बार-बार लिस्ट पढ़ रही हैं। ऐसा कोई आंकड़ा SLDC की वेबसाइट पर उपलब्ध ही नहीं है। न ही हमारे सरकार के पास ऐसा कोई डाटा मौजूद है।
उर्जा मंत्री ने यह भी कहा कि हमारी सरकार अभी 40 – 42 दिन पुरानी होने के बावजूद भी हम बिजली के लोड बैलेंस करने के लिए कई जगह के ट्रांसफॉर्मर बदलने की योजना पर काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कई जगह बिजली इसलिए भी काटी जाती है कि बरसात के मौसम में जल जमाव की समस्या होती है और जिसके करंट फैलने का डर बना रहता है। हम जलभराव वाली जगहों को चिन्हित कर रहे हैं और पीडब्लूडी और दिल्ली जल बोर्ड के साथ मिलकर उसको दुरुस्त करेंगे।
पिछली बार दिल्ली में गर्मियों में 8600 मेगावॉट की पीक डिमांड थी जो इस बार गर्मियों में बढ़कर 9200 मेगावॉट हो सकती है। लोड बैलेंसिंग के लिए काम कर रहे हैं। 24 घंटे का कंट्रोल सेंटर बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और पावर परचेज एग्रीमेंट की भी समीक्षा की जा रही है।