टीम एनडीएमसी राजधानी को और अधिक स्वच्छ, हरित और स्मार्ट बनाने के लिए विकसित भारत @2047 पर काम कर रही है जिसकी थीम है “विकसित भारत के विकसित NDMC” इसी के तहत अब लुटियंस दिल्ली की आपात स्थिति सूरत की तर्ज पर कंट्रल होगी। एनडीएमसी का कमांड एंड कंट्रोल सेंटर आधार होगा और सूरत की तर्ज पर इसे विकसित किया जाएगा।
सूरत में क्या हुआ है खास
सूरत में इमरजेंसी आने पर अर्बन ऑब्जर्वेटरी रेस्पांस सेंटर एक्टिव हो जाता है। इसे 108 करोड़ रूपए खर्च कर बनाया गया है। 3 वॉर रूम के साथ ही सिविक सर्विसेज का एक डेटा सेंटर भी है। शहर की एयर क्वालिटी, स्ट्रीट लाइट, ई-वीकल की मॉनिटरिंग भी यहीं से की जाती है। उपाध्यक्ष कुलजीत चहल ने बताया कि एनडीएमसी में पहले से ही कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बना है जिसे सूरत के अर्बन ऑब्जर्वेटरी रेस्पांस सेंटर की तर्ज पर डिवलप किया जा रहा है ताकि जलभराव ही नही बल्कि कमांड सेंटर से एयर क्विलिटी, स्ट्रीट लाइट पर लगे वाटर स्प्रिंकलर खुद चल पड़ेंगे। डस्ट के साथ किसी भी तरह के पलूशन की जानकारी कमांड सेंटर ऑटोमैटिक बना देगा।