अनधिकृत कॉलोनी में 4 मंजिला मकान बन गई लेकिन एमसीडी ने कोई एक्शन क्यूं नही लिया? कॉलोनी अनधिकृत है, इसलिए नक्शा पास कराने की कोई जरूरत नहीं होती. वहीं कुछ लोग एमसीडी अधिकारियों को चढ़ावा चढ़ाकर इमारत बना लेते हैं नेहरू विहार के इलाके में ज्यादातर ऐसी ही हैं। वैज्ञानिक या तकनीकी आधार पर नही बनने वाली ये इमारतें बारिश, भूकंप जैसी स्थिति गिर जाती हैं।उक्त संपत्ति एक अनधिकृत कॉलोनी में स्थित है, जो घनी आबादी और संकरी गलियों से युक्त क्षेत्र है।
करीव 60 वर्ग गज के भूखंड पर निर्मित ये इमारत भूतल के अलावा तीन मंजिलें थीं। यह संरचना लगभग 20 वर्ष पुरानी है और कुछ दिनों से ज्यादा लोग यहां पर रहने के लिए आ गए थे। क्या ज्यादा लोगों का बिल्डिंग में मौजूद रहना गिरने का कारण बना? इमारत के पास ही नाले की अधूरी खुदाई हुई पड़ी है क्या यही वजह है बिल्डिंग गिर गई। कारणों का पता फायर विभाग, पुलिस और एमसीडी लगाएगी। लेकिन सियासत अब चरम पर है। मौके पर पहुंचे कपिल मिश्रा ने ट्विटर पर लिखा..
आप नेता ने डीडीए जिम्मेदार ठहरा दिया
आम आदमी पार्टी हरियाणा इकाई के अध्यक्ष सुशील गुप्ता डीडीए को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि बीते 25 सालों से मास्टर प्लान तक पेश नहीं हो पाया जो कि अवैध निर्माण की एक बड़ी वजह है।
कभी हाईकोर्ट ने हड़काया था
तत्कालीन कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने कहा था कि दिल्ली का सर्वेक्षण शुरू कराने के लिए अंतिम तिथि बताएं। डीडीए और एमसीडी अपने इलाकों का सर्वे कर अवैध निर्माण की सूची अदावत में जमा करवाएँ पर अफसोस कुछ नही हुआ।