दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने सोमवार को यूजर चार्जेज को तत्काल वापस लेने की मांग को लेकर निगमायुक्त अश्वनी कुमार को चिट्ठी में दावा किया दिल्ली के अलग-अलग आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधि मांग कर रहे हैं कि एमसीडी हाउस टैक्स के साथ लगाए गए यूजर चार्जेज को वापस कराया जाए। आरडब्ल्यूए के साथ मार्केट एसोसिएशन के प्रतिनिधि भी चाहते हैं कि एमसीडी द्वारा यूजर चार्जेज तुरंत वापस हो। साथ ही हर घर से कूड़ा नहीं उठ रहा है। परेशान लोग निजी कर्मचारी लगाने के लिए मजबूर हैं। जब तक एमसीडी हर घर व दुकानों से कूड़ा उठाना सुनिश्चित नहीं करती, तब तक यूजर चार्जेज न लिया जाए। ढलावों का कूड़ा सड़कों पर फैल जाता है लिहाजा इन्हें बंद कर इनका सौंदर्यीकरण किया जाए। कमिश्नर से इन सारे ढलावों को बंद करने की मांग की है।
नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने कहा कि दिल्ली के 12 जोनों में कंसेशनेयर हैं, लेकिन वह कंसेशनेयर घर-घर जाकर हर एक घर से कूड़ा नहीं उठाते हैं। सभी हाउस होल्डर ने घर का कूड़ा उठाने के लिए निजी कर्मचारी लगा रखे हैं। इन कंसेशनेयर का मकान मालिकों के साथ कोई समन्वय नहीं है। जब तक एमसीडी हर घर और व्यवासायिक स्थल से कूड़ा उठाने में सक्षम न हो जाए, तब तक यूजर चार्जेज को लागू नहीं करना चाहिए।
अंकुश नारंग ने कहा कि जब तक एमसीडी हर घर से कूड़ा उठाने में समर्थ नहीं हो जाती है और सभी ढलावों को बंद कर उसका सुंदरीकरण करके उसका अन्य कार्यों में उपयोग किया जाए, तब तक यूजर चार्जेज न लगाया जाए। आम आदमी पार्टी की पुरजोर मांग है कि एमसीडी कमिश्नर यूजर चार्जेज तुरंत प्रभाव से वापस लेने के निर्देश जारी करें।
एमसीडी नेता प्रतिपक्ष की कमिश्नर को चिट्ठी
एमसीडी के कमिश्नर अश्विनी कुमार को लिखे पत्र का मजमून इस तरह से है — मैं आपका ध्यान हाल ही में निगम द्वारा सभी प्रकार की रिहायशी व व्यवसायिक भवनों पर लगाए गए यूजर चार्ज की ओर आकर्षित करना चाहता हूं। इस विषय में दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में आने वाली कई कॉलोनियों के आरडब्ल्यूए और मार्किट एसोसिएशनों के प्रतिनिधि मेरे कार्यालय में आए और उन्होंने अनुरोध किया कि दिल्ली नगर निगम द्वारा प्रस्तावित यूजर चार्ज को तुरंत प्रभाव से वापिस लिया जाना चाहिए।
इस संदर्भ में यूजर चार्ज खत्म करने के लिए निम्नलिखित तथ्यों की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना अति आवश्यक है-
1. दिल्ली के सभी 12 जोनों में जो कंसेशनेयर निगम द्वारा नियुक्त किए गए हैं, वे डोर टू डोर सभी रिहायशी एवं व्यवसायिक भवनों से कूड़ा एकत्र नही करते हैं। अधिकतर कॉलोनियों में घरों से कूड़ा उठाने के लिए जो प्राइवेट कर्मचारी आते हैं, उनके साथ कंसेशनेयर का कोई तालमेल नहीं पाया जाता। 60-70 फीसदी कूड़ा इन्हीं प्राइवेट कर्मचारियों के माध्यम से उठवाया जाता है, जिसके लिए घर के मालिक इन्हें पैसे भी देते हैं।
2. अभी भी कई कॉलोनियों में ढलाव बने हुए हैं, जो पूरे कूड़े-कचरे से भरे रहते हैं और उनके आस-पास की सड़को पर भी कूड़ा-कचरा फैला रहता है, जो वहां से गुजरने वाले लोगों को असहज करता है। जिन कॉलोनियों में एफसीटीएस लगे हुए हैं, वे हमेशा कूड़े से पूरे भरे रहते हैं और उनके आस-पास कूड़े और गंदगी के ढेर लगे रहते हैं, जिनसे आस-पास की कॉलोनियों के वातावरण में बदबू फैलती रहती है। परिणामतः कई क्षेत्रों में कई प्रकार की बिमारियां फैल रहीं हैं और इन कॉलोनियों के निवासियों को बहुत ही विषम परिस्थितियों में रहना पड़ रहा है। इसके अलावा जगह-जगह पर कूड़ा कचरा एकत्रित स्थानों पर कूड़े के ढेर लगे रहते है, जिनकी संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और सफाई व्यवस्था बिल्कुल संतोषजनक नहीं है।
नारंग ने कहा कि दिल्ली नगर निगम द्वारा यूजर चार्ज लागू करने से पहले यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि निगम क्षेत्रों में रहने वाली जनता को निगम डोर-टू डोर कूड़ा उठाने की पक्की व्यवस्था कराए। पहले सभी ढलावों को तुरंत प्रभाव से बन्द किया जाए और इनकी जगह का सौंदर्यकरण करके इनका जनहित में कुछ और उपयोग किया जाए।
उपरोक्त सभी तथ्यों पर विचार करते हुए मैं आपसे नेता विपक्ष होने के नाते मांग करता हूं कि यूजर चार्ज को जनहित में तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए और निगम द्वारा यूजर चार्ज निरस्त करने के लिए जल्द से जल्द आदेश जारी किए जाएं।