13 प्रदूषण हॉटस्पॉट वाले इलाकों में सेंट्रल वर्ज और सड़कों पर मिस्ट/वॉटर स्प्रिंक्लर्स लगेंगे। इतना ही नहीं PM2.5 और PM10 धूल कणों के उत्सर्जन को रोकने के लिए लोक निर्माण विभाग (PWD), केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD), दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA), नगर निगम (MCD), नई दिल्ली नगर परिषद (NDMC), भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) तथा सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग को निर्देश जारी किया गया है। 50–100 माइक्रोन की धुंध बनाने वाले मिस्ट जेट्स और 0.45–0.65 MPa दबाव वाले मिस्ट/वॉटर स्प्रिंक्लर्स का उपयोग होगा। आदेश है कि सभी विभाग प्रदूषण नियंत्रण और निगरानी के लिए एक अधिकारी नियुक्त करें।
पर्यावरण मंत्री मंजीन्दर सिंह सिरसा ने बताया, “दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) और नई दिल्ली नगर परिषद (NDMC) ने कुछ क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक पोल्स पर मिस्ट स्प्रे सिस्टम को पायलट परियोजना के रूप में लगाया गया था, और इसके अच्छे परिणाम देखने को मिले। अब इसी तर्ज पर बड़े स्तर इन मिस्ट स्प्रे सिस्टम को लगाया जाएगा।” सड़क के बीच लगे इलेक्ट्रिक पोल संरचनात्मक रूप से उपयुक्त स्थान हैं, जहां बिना अतिरिक्त ढांचे के आसानी से मिस्ट स्प्रे सिस्टम लगाया जा सकता है।
यह कदम मुख्य रूप से सड़क की धूल को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है, जो दिल्ली की वायु में PM2.5 और PM10 स्तर को बढ़ाता है। इस संबंध में PWD, CPWD, DDA, MCD, NDMC, NHAI और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग जैसे सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे मिस्ट/वॉटर स्प्रिंक्लर्स और एंटी-स्मॉग गनों को प्रदूषण प्रभावित सड़कों और इलाकों में नियमित अंतराल पर लगाएं।
दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को देखते हुए यह कार्ययोजना दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) द्वारा चिन्हित प्रदूषण वाले क्षेत्रों के आधार पर की जा रही है और यह ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का हिस्सा है। पर्यावरण विभाग ने प्रभावी धूल नियंत्रण के लिए विशेष तकनीकी मानदंड भी निर्धारित किए हैं, जिसमें 50–100 माइक्रोन कण आकार की मिस्ट जेट्स और 0.45–0.65 MPa दबाव वाली प्रणाली का उपयोग अनिवार्य है।
ट्रैफिक वाली सड़कों और निर्माण क्षेत्रों पर मैकेनिकल स्वीपिंग और जेटिंग सिस्टम से नियमित सफाई भी की जाएगी।
DDA एवं NDMC द्वारा स्थापित मिस्ट स्प्रे प्रणाली की तकनीकी विशेषताएं:
1. आरओ सिस्टम क्षमता:
न्यूनतम 2000 LPH क्षमता, आउटपुट पानी का TDS ≤ 50 PPM।
उच्च दबाव पंप (10–15 बार), TFC मेम्ब्रेन (≥75% रिकवरी), और एंटी-स्केलेंट डोजिंग सिस्टम।
2. पूर्व-उपचार और फिल्ट्रेशन:
मल्टी-मीडिया और एक्टिवेटेड कार्बन फिल्टर से गंदगी, क्लोरीन और कार्बनिक तत्वों को हटाना।
UV स्टेरिलाइज़ेशन या ओज़ोनेशन (वैकल्पिक)।
3. स्वचालन और निगरानी:
ऑटोमेटेड कंट्रोल पैनल, प्रेशर गेज, फ्लो मीटर और सुरक्षा स्विच के साथ।
स्टेनलेस स्टील फ्रेम से बना, टिकाऊ और जंग-रोधी।
4. स्थापना और रखरखाव:
ऊर्जा-कुशल, सरल रखरखाव योग्य और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार।
सभी जरूरी सामान के साथ इंस्टॉलेशन, परीक्षण और चालू करने की सुविधा।