दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि 13-14 मई को प्रस्तावित दिल्ली विधानसभा के सत्र को भाजपा सरकार द्वारा स्थगित करना दिल्ली के प्रति अपनी जिम्मेदारियों और जवाबदेही से भागना है। बिना कोई ठोस कारण बताएं सरकार का दूसरा सत्र जिसमें मंत्रियों के कार्यों का लेखा जोखा और आगामी दिल्ली विकास पर चर्चा होनी चाहिए थी, भाजपा इसमें पूरी तरह लापरवाह दिख रही है। उन्होंने कहा कि राजधानी में भीष्ण गर्मी से पानी और बिजली की भारी दिक्कत से जूझ रहे दिल्लीवासियों को राहत देने और मानसून में नालों की सफाई पर चल रहे कामों को आंकलन, सड़कों को दूरस्त करने जैसे विषयों पर विधानसभा सत्र में विस्तार पूर्वक चर्चा होनी चाहिए थी, लेकिन अपनी कमजोरियों को छुपाने के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली मंत्रीमंडल की सहमति से बिना कारण बताए दो दिवसीय सत्र स्थगित कर दिया।
भाजपा सरकार दिल्ली के मुद्दों पर बिलकुल भी चिंतित नही है क्योंकि लगभग 100 दिन पूरे होने के बावजूद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पूर्ण बहुमत देने वाली दिल्ली की जनता से चुनाव में किए गए वायदों को निभाने में आश्वस्त दिखाई नही पड़ रही। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सड़कां को दुरस्त करने, प्रदूषण खत्म करने, हर नल पेयजल तक पहुॅचाने, नालों की सफाई करने सहित गरीब झुग्गीवालों को मकान देने जैसे कुछ ऐसे मुद्दे थे जिन पर सरकार को फौरी तौर पर काम करना था परंतु दिल्ली को दुरस्त करने में भाजपा सरकार ने अपनी दशा और दिशा पूरी तरह निर्धारित नही की है।
दिल्ली सरकार के अधिकारियों और एजेंसियों की रिपोर्ट और आंकलन का हवाला दें तो भीष्ण गर्मी में दिल्लीवालो को जल संकट से जूझना पड़ रहा है और बिजली की आपूर्ति में कमी के चलते बिजली कटौती की समस्या अब रोज की परेशानी बन चुकी है लेकिन सरकार के पास इस पर कोई ठोस जवाबदेही नही है और न ही कोई कार्य योजना है। दिल्ली जल बोर्ड जल संकट को खत्म करने में नाकाम साबित रहा है जबकि सरकार दिल्ली की झुग्गी झौपड़ी सहित अनाधिकृत, पुनर्वास व दूरस्त गांवों में पानी की आपूर्ति को टैंकरों के द्वारा पूरा करना चाहती है, जिसमें भारी भ्रष्टाचार हो रहा है। आम आदमी पार्टी के शासन में टैंकर माफिया पर भाजपा लगातार आरोप लगाती थी।
नालों से गाद निकालने और प्रदूषण नियंत्रण करने की कार्यवाही को भाजपा सरकार सिर्फ सरकारी खजाने की करोड़ों की राशि की खपत को कागजों में पूरा कर रही है। क्योंकि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के लाख दावों के बावजूद नालों और नालियां से गाद निकालने का काम अधर में है। नजफगढ़ नाला, बारापुला, खैबर दर्रा, तुगलकाबाद, शाहदरा, महारानी बाग नाला और दिल्ली गेट नाला, तेहखंड नाला और तैमूर नगर नालों की सफाई की कोई रिपोर्ट अधिकारिक रुप से सामने नही आई है। जबकि कुछ कॉलोनियों में खानापूर्ति के लिए गाद निकाली गई उसे उठाया नही गया जो एक बारिश में फिर नालों में चली जाएगी। उन्होंने कहा कि यही हाल राजधानी में प्रदूषण का है, जब मई के महीने में प्रदूषण न के बराबर होता है पिछले तीन सालों की तुलना में मई मध्य में सबसे खराब प्रदूषण के प्रकोप से लोग जूझ रहे है जबकि प्रदूषण मंत्री सिरसा दिल्ली को स्वच्छ व क्लीन शहर बनाने का दावा कर रहे है।
लगभग 3 महीनों में भाजपा सरकार अपनी जिम्मेदारियों से चौतरफा भागती नजर आई है। जिसका प्रमाण हमारे सामने है कि प्रस्तावित 13-14 मई का विधानसभा का सत्र बिना कारण बताए स्थगित कर दिया गया। भाजपा की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सहित दिल्ली मंत्रीमंडल अपनी जवाबदेही से भाग रहा है जबकि दिल्ली विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, इन्फ्रास्ट्रक्चर और मौलिक सुविधाओं मुहैया कराने में लगातार पिछड़ रही है।