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नज़फगढ़, झड़ोदा गांव की बेटियों ने फुटबॉल में किया कमाल

ये पहली बार होगा जब दिल्ली में पैदा हुई, पली बढ़ी गांव की तीन प्रतिभावान लड़कियों ने फुट बाल नेशनल चैंपियन टीम सब जूनियर लेवल का नेतृत्व किया है।

झरोदा नजफगढ़ दिल्ली की लड़कियों ने Under 14 उत्तर प्रदेश की टीम से खेलते हुए सब जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में केरल को दो एक से हराकर खिताब जीता.

MCD ट्रेंड लड़कियां हैं जिनके गांव पहुंचते ही शानदार सेलिब्रेशन हुआ।

गांव लौटने पर परिवार और गांव के लोगों के साथ बाबा हरिदास विजेता लड़कियों ने मंदिर जाकर आशीर्वाद लिया।

ये पहली बार होगा जब दिल्ली में पैदा हुई, पली बढ़ी गांव की तीन प्रतिभावान लड़कियों ने फुटबाल की नेशनल चैंपियन टीम सब जूनियर लेवल का नेतृत्व किया है।

सेलिब्रेशन में शामिल संजय यादव ने कहा कि लड़कियों की जीत उन बच्चों के लिए एक नजीर और प्रेरणा बनेंगे जो MCD ग्रास रूट प्रोग्राम के तहत फुटबॉल की ट्रेनिंग ले रहे हैं। दिल्ली नगर निगम में ग्रास रूट प्रोग्राम को शुरू करवाने में संजय यादव ने काफी सहयोग दिया और अब एमसीडी के बच्चे दिल्ली और नेशनल लेवल पर अपनी मौजूदगी दिखाने लगे हैं दिल्ली नगर निगम का यह प्रयास काफी खास है और बहुत पॉपुलर हो रहा है।

नजफगढ़ के रहने वाले संजय यादव पेशे से निगम में सरकारी अधिकारी हैं लेकिन इन्होंने दशकों पहले HOPS
(House of Power Soccer Football Club
) की स्थापना की जो ऐसी लड़कियों को फुटबॉल के लिए तैयार कर रहा है। कमाल की बात ये है कि HOPS

Indian women league के 8 प्रतिष्ठित क्लब में उत्तर भारत में
इकलौता ऐसा फुटबॉल क्लब है जो उत्तर भारत को रिप्रेजेंट करता है। हालांकि HOPS में लड़के लड़कियां दोनों खेलते हैं।

मजदूर और टैक्सी ड्राइवर की बेटियों ने फ़ुट बाल में मनवाया लोहा

छत्तीसगढ़ में अंडर 14 गर्ल्स टियर 2 नेशनल चैंपियनशिप आयोजित हुई और दिल्ली नगर निगम प्राथमिक विद्यालय झरोदा की तीन लड़कियों ने उत्तर प्रदेश की टीम को खिताब दिलाया। फाइनल में केरल को हराकर उत्तर प्रदेश ने यह जीत हासिलकी।

तीनों लड़कियों ने शुरुआती ट्रेनिंग एमसीडी झरोदा स्कूल के कोच सुनीता और दिनेश से ली। उत्तर प्रदेश की टीम में गोलकीपर के रूप में खेल रही संगीता के पिता मजदूरी करते हैं और मिडफील्डर के तौर पर खेल रही प्रिंसी के पिता टैक्सी ड्राइवर हैं। ज्योति के पिता एक कंपनी में छोटे कर्मचारी हैं।

सीमित संसाधनों के बावजूद इन लड़कियों ने मेहनत और लगन के दम पर राष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम किया। कोच सुनीता और दिनेश ने कहा कि इन बेटियों की उपलब्धि न केवल उनके परिवार और क्षेत्र के लिए गर्व की बात है एमसीडी स्कूलों में भी गर्व का माहौल है।

House of Power Soccer Football Club (HOPS)

विकिपीडिया के मुताबिक 11 साल पहले 2014 में इसकी स्थापना संजय यादव ने की । HOPS के कोच जितेंद्र बिष्ट, रजनी रानी और दीपक हैं। HOPS FC और HOPS Football Academy धर्म फाउंडेशन ट्रस्ट चलाता है इसमें एडमिशन के लिए किसी तरह की फीस नहीं ली जाती इसके ट्रस्टी डोनेशन के माध्यम से खिलाड़ियों को तैयार करते हैं।


विमेन क्लब में टॉप 8 में नॉर्थ इंडिया में। हिंदुस्तान की टॉप आज टीमों में से एक HOPS

यह कभी साउथ वेस्ट दिल्ली फुटबॉल क्लब के नाम से जाना जाता था भारतीय वूमेन प्रोफेशनल फुटबॉल क्लब है जो की नई दिल्ली में है इंडियन वूमेन लीग और एचडी वूमेन लीग में किसने अपना लोहा बनवाया है क्लब का फोकस महिलाओं में फुटबॉल को प्रमोट करने और ग्रास रूट लेवल पर उन्हें अवसर दिए जाने के साथ ही ट्रेनिंग प्रोग्राम वर्कशॉप और टूर्नामेंट आयोजित करवाता है।

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