
क्या आपको पता है दुनिया का सबसे खतरनाक जानवर मच्छर है। जो मलेरिया, डेंगू बुखार और ज़ीका वायरस जैसी बीमारियाँ फैलाता है और हर साल मिलाकर लाखों लोगों की मौत का कारण बनती हैं।

दिल्ली नगर निगम की क्षेत्रीय महामारी विज्ञानी – डॉ. अदिति ने मच्छरों की प्रजातियों में अंतर करने, डेंगू के लिए ज़िम्मेदार एडीज़ मच्छरों की पहचान करने पर जोर दिया।
डेंगू और चिकनगुनिया का पूरी तरह से उन्मूलन नहीं किया जा सकता, लेकिन मच्छरों के प्रजनन को नियंत्रित करना सबसे प्रभावी रणनीति है क्योंकि इन बीमारियों के लिए वर्तमान में कोई टीका उपलब्ध नहीं है। “रोकथाम इलाज से कहीं ज़्यादा आसान है।”
बरसात का मौसम चरम पर है, मच्छरों व पानी से फैलने वाली बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। आंकड़ों में 19 जुलाई तक दिल्ली में मलेरिया के कुल मामले 112, डेंगू के 261 और चिकनगुनिया के 17 मामले सामने आ चुके हैं। जो पिछले साल के मुकाबले बहुत ज्यादा है।
लेकिन दिल्ली पर तीसरा संकट तब आ गया जब आज यानी 22 जुलाई मंगलवार को सैकड़ों पब्लिक हेल्थ विभाग के डीबीसी कर्मचारी सिविक मुख्यालय के गेट न 5 पर पहुंच गए और हड़ताल शुरू कर दी। यूनियन ने बताया कि वजह
जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही है।
अपनी मांगों को लेकर एमसीडी मुख्यालय सिविक सेंटर के गेट संख्या 5 पर धरना प्रदर्शन किया और एमसीडी के वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिलने की वजह से डीबीसी कर्मचारियों ने अब अपनी हड़ताल को अनिश्चतकालीन कर दिया है।
हड़ताल से हल्कान सियासी पार्टी इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी के चीफ मुकेश गोयल ने चिंता जताई कि
डीबीसी कर्मियों की हड़ताल लंबी खिंची तो दिल्ली में बीमारियों से हाहाकार मच सकता है।
उन्होंने निगम आयुक्त अश्विनी कुमार एवं दिल्ली के मेयर राजा इकबाल सिंह से मांग की है कि वह इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए हड़ताली कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान तुरंत निकाल जाये।
मुकेश गोयल ने आगे कहा कि ऐसे में यदि डीबीसी कर्मचारियों की हड़ताल ज्यादा लंबे समय तक जारी रहती है तो दिल्ली में बीमारियां फैलने से हाहाकार मच सकता है।
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