राजधानी दिल्ली की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के प्रचार-प्रसार और संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार ‘टूरिज्म एंड हेरिटेज फेलोशिप प्रोग्राम’ शुरू कर रही है। इस प्रोग्राम के तहत 40 युवाओं को फेलोशिप के लिए चुना जाएगा और उन्हें मुख्यमंत्री का कहना है कि दिल्ली सरकार की यह पहल आत्मनिर्भर भारत के विज़न के अनुरूप है, जो देश की आंतरिक क्षमताओं और पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों को बढ़ावा देती है और बाहरी सलाहकारों पर निर्भरता कम करती है। सरकारी परियोजनाओं से सीधे जुड़कर दिल्ली को एक जीवंत, समावेशी और विश्वस्तरीय पर्यटन गंतव्य (Tourism Destination) के रूप में स्थापित करने में योगदान देना चाहते हैं।
चुने गए युवाओं को हर माह मिलेगा 50 हजार रुपये का वजीफा: सीएम
खास बात यह है कि चयनित युवाओं को प्रति माह 50,000 रुपये का वजीफा (Stipent) दिया जाएगा और एक वर्ष की अवधि पूर्ण होने पर प्रमाणपत्र भी मिलेगा। युवा आवेदक की उम्र 35 साल से कम, न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता स्नातक डिग्री या समकक्ष होगी। पर्यटन में डिग्री/स्नातकोत्तर को प्राथमिकता दी जाएगी। आवेदक को पर्यटन या संबंधित क्षेत्र में कम से कम एक साल का औपचारिक अनुभव होना चाहिए। हिंदी और अंग्रेज़ी भाषा में पकड़ और डिजिटल कौशल जरूरी है।
दिल्ली पर्यटन व परिवहन विकास निगम (डीटीटीडीसी)) एक फेलोशिप प्रोग्राम चलाएगा जिसके जरिए हर महीने 50 हजार रुपये कमाए जा सकते हैं। युवाओं, शोधकर्ताओं और पर्यटन क्षेत्र में रुचि रखने वाले पेशेवरों को दिल्ली की समृद्ध विरासत से जोड़ने की खातिर प्रत्येक साल 40 युवाओं को इस फेलोशिप के लिए चुना जाएगा। जो विरासत भ्रमण (Heritage Walks), मार्गदर्शित पर्यटन यात्राएं (Guided Tours), डिजिटल व प्रचार सामग्री निर्माण, पर्यटन प्रचार, कार्यक्रम प्रबंधन, दिल्ली हाट, गार्डन ऑफ फाइव सेंसिस, पर्यटन सूचना केंद्रों का संचालन, फिल्म शूटिंग समन्वय तथा MICE (बैठकें, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनियां, Meetings, Incentives, Conferences, and Exhibitions) जैसी गतिविधियों में योगदान करेंगे।
‘टूरिज्म एंड हेरिटेज फेलोशिप प्रोग्राम’ से दिल्ली का इतिहास निखारेंगे युवा: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने योजना को दिल्ली के युवाओं के लिए “सरकार से सीधे जुड़ने और परिवर्तन का वाहक बनने का सशक्त माध्यम”बताया। यह पहल आत्मनिर्भर भारत के विज़न के अनुरूप है, जो घरेलू क्षमताओं को बढ़ावा देती है और बाहरी सलाहकारों पर निर्भरता को कम करती है। साथ ही यह कार्यक्रम दिल्ली को एक समावेशी, जीवंत और विश्वस्तरीय पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार युवाओं की ऊर्जा को सृजनात्मक दिशा में लगाकर देश की राजधानी की विरासत और संस्कृति को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।