अरविंद केजरीवाल के घर एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) विजिट ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। केजरीवाल के नजदीकी सूत्र बताते हैं कि एसीबी की टीम बिना किसी पूर्व सूचना के उनके घर पहुंची, और फिलहाल उनकी लीगल टीम से बातचीत कर रही है। केजरीवाल ने पहले कभी भ्रष्टाचार और खरीद-फरोख्त के आरोप लगाए थे, और अब एसीबी उनसे इन आरोपों के संबंध में बयान लेना चाहती है।
एसीबी सूत्रों का कहना है कि वे किसी भी मामले में शिकायतकर्ता के बयान के लिए नोटिस देने के लिए बाध्य नहीं हैं। हालांकि, केजरीवाल की लीगल टीम का तर्क है कि उचित प्रक्रिया का पालन होना चाहिए। इस संदर्भ में एसीबी ने केजरीवाल को नोटिस दिया है, जिसमें पूछा गया है कि 15 करोड़ और मंत्री पद का प्रस्ताव किसने और कैसे दिया?
संजय सिंह की तरफ से पहले ही एसीबी में शिकायत दर्ज की गई थी, जिसमें एक फोन कॉल और मोबाइल नंबर का हवाला दिया गया था। कहा जा रहा है कि यह कॉल मुकेश अहलावत को किया गया था और उन्हें 15 करोड़ और मंत्री पद का लालच दिया गया। इस मामले में अन्य विधायकों को भी इसी तरह के ऑफर दिए जाने का संदेह है।

इससे पहले फरवरी 2024 में, क्राइम ब्रांच की टीम भी केजरीवाल के घर गई थी, जब उन्होंने दावा किया था कि उनके 21 विधायकों को खरीदने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि, उस समय भी आम आदमी पार्टी द्वारा कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया गया था। एसीबी अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और केजरीवाल के बयान की प्रतीक्षा कर रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मामला आगे कैसे बढ़ता है।