दिल्ली विधानसभा चुनावों में हाल ही के परिणाम दर्शाते हैं कि पार्षदों और उनके परिवारों ने असाधारण सफलता हासिल की है। 11 पार्षदों, एक मनोनीत पार्षद, और तीन पार्षदों के पति विधायक बनने में सफल रहे। इसके अलावा, छह पूर्व पार्षद भी विधायक चुन लिए गए हैं। इस चुनावी सफलता ने दिल्ली की राजनीतिक गतिशीलता को और भी रोमांचक बना दिया है। विधानसभा चुनाव जीतने के बाद बीजेपी ने निगम में ट्रिपल इंजन की सरकार बनने की कवायद तेज करते हुए आम आदमी पार्टी की तीन मौजूदा पार्षदों को बीजेपी में शामिल करा लिया। पार्टी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने तीनों पार्षदों को बीजेपी का पटका पहनाया। आम आदमी पार्टी की एंड्रयूज गंज से निगम पार्षद अनीता बसोया, आर के पुरम से निगम पार्षद धर्मवीर और हरिनगर वार्ड से निखिल चपराना तब बीजेपी में शामिल हो गये जब बीजेपी सीएम तक तय नही कर पाई है। एक दिन पहले 13 फरवरी को बवाना वार्ड से आम आदमी पार्टी के पार्षद विपक्ष यानी बीजेपी के पाले में बैठ हुए नजर आए।

भाजपा के आठ पार्षदों और आम आदमी पार्टी (आप) के तीन पार्षदों ने विधायक के रूप में जीत हासिल की। भाजपा की दो महिला पार्षदों के पति और आप की एक महिला पार्षद के पति भी चुनाव जीत गए। एक मनोनीत पार्षद भी भाजपा के तरफ से जीत हासिल करने में सफल रहे। भाजपा पार्षद शिखा राय ने ग्रेटर कैलाश में दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज को हराकर बड़ी जीत दर्ज की। वहीं, गजेंद्र दराल ने मुंडका से, रेखा गुप्ता ने शालीमार बाग से, और उमंग बजाज ने राजेंद्र नगर से जीत हासिल की। दिलचस्प है कि भाजपा के पार्षद रविंद्र नेगी ने पटपड़गंज में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी को हराया। बादली में भाजपा की महिला पार्षद के पति दीपक चौधरी ने आप विधायक अजेश यादव और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव दोनों को पराजित किया। आम आदमी पार्टी के पार्षद आले मोहम्मद इकबाल ने पूर्व मंत्री आसीम मोहम्मद खान को हराया। चांदनी चौक में पुनरदीप साहनी और देवली में प्रेम चौहान ने जीत दर्ज की। सीलमपुर में आप की महिला पार्षद के पति जुबैर चौधरी ने कांग्रेस के मौजूदा विधायक को पराजित किया। यह चुनाव परिणाम दिल्ली की राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देते हैं, जहां पार्षद और उनके परिवार महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।