दिल्ली सरकार और भाजपा की नाकामी उजागर – बजट 2025-26 जनविरोधी, टैक्स बढ़ाया और सुविधाएँ घटाईं।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट 2025-26 में कर संग्रह में वृद्धि के बावजूद जनकल्याणकारी योजनाओं में भारी कटौती कर दी गई है। जबकि जनता पर टैक्स का बोझ बढ़ा दिया गया है।
महिलाओं के सम्मान की योजना पर चुप्पी क्यों?
पंजाब में आम आदमी पार्टी ने अपना बजट पेश किया, लेकिन महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा से जुड़ी कोई नई योजना नहीं लाई। यह दर्शाता है कि सरकार के लिए महिला सशक्तिकरण केवल चुनावी वादों तक सीमित है।
बजट पर चर्चा से भाग रही भाजपा, ध्यान भटकाने के लिए सांप्रदायिक राजनीति
दिल्ली विधानसभा में बजट पर चर्चा कराने से भाजपा लगातार बच रही है। भाजपा की रणनीति हमेशा की तरह जनहित के मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए हिंदू-मुस्लिम राजनीति करने तक सीमित है। दिल्ली की जनता को जवाब चाहिए कि आखिर उनका कर (टैक्स) पैसा कहाँ जा रहा है?
बढ़ते टैक्स के बावजूद सुविधाओं में भारी कटौती
कर संग्रह में वृद्धिः वर्ष 2024-25 में जीएसटी और वैट से कर संग्रह 41000 करोड़ से बढ़ गया बावजूद शिक्षा, जल आपूर्ति, स्वच्छता, आवास, शहरी विकास, ऊर्जा, कृषि, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण जैसी योजनाओं के बजट में कटौती कर दी गई है।
प्रशासनिक खर्च में कटौतीः प्रशासनिक बजट को 49 प्रतिशत से घटाकर 41 प्रतिशत दिया गया है, जिससे सरकारी नौकरियों पर संकट गहराने की आशंका है।
ब्याज भुगतान में कमीः सरकार ने ब्याज भुगतान में 420 करोड़ रुपये की कटौती कर दी है, जिससे भविष्य में सरकारी ऋण का बोझ जनता पर बढ़ सकता है।
शिक्षा बजट में कटौतीः भविष्य के साथ खिलवाड़
दिल्ली सरकार ने कई शैक्षिक योजनाओं जैसे सरकारी स्कूलों में योग योजना, समर कैंप, उत्कृष्टता विद्यालयों, दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी को अनुदान, और ग्रामीण छात्राओं के लिए निःशुल्क परिवहन सुविधा की घोषणा की, लेकिन इसके लिए पर्याप्त बजट नहीं दिया या बंद कर दी। उच्च शिक्षा गारंटी योजना में भी कटौती कर दी गई है, जिससे छात्रों को परेशानी हो सकती है।
‘मुख्यमंत्री मातृ वंदना योजना’ का दिखावा
दिल्ली सरकार ने इस योजना के लिए 210 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया है, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा बीते तीन वर्षों में दिल्ली को दी गई राशि में लगातार कटौती की गई हैः
2021 में 22 प्रतिशत 28.31 करोड़ रुपये
2022 में 23 प्रतिशत 31.46 करोड़ रुपये
2023 में 24 प्रतिशत 27.15 करोड़ रुपये
यह दिखाता है कि मातृ स्वास्थ्य और पोषण संबंधी योजनाओं को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।
सड़क दुर्घटना पीड़ितों की मदद में कटौती, आम जनता को झटका
दिल्ली सरकार ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों को अस्पताल पहुँचाने वाले नागरिकों को मिलने वाली आर्थिक सहायता में कटौती कर दी है। ऑटो चालकों के लिए प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण कार्यक्रम को भी सीमित कर दिया गया है। इससे सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को समय पर मदद नहीं मिल पाएगी।
जनता को राहत नहीं, आफत बना बजट
दिल्ली की जनता को नगर निगम, केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को टैक्स तो देना पड़ता है, लेकिन बदले में कोई सुविधा नहीं मिल रही। सरकार का पूरा ध्यान राजस्व बढ़ाने पर है, लेकिन उसका सही उपयोग जनता के हित में नहीं किया जा रहा है।
कांग्रेस निभाएगी सकारात्मक विपक्ष की भूमिका
कांग्रेस एक जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाएगी और इस जनविरोधी बजट के खिलाफ आवाज उठाएगी। भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनों को जनता को जवाब देना होगा कि बढ़ते कर संग्रह के बावजूद जनकल्याणकारी योजनाओं में कटौती क्यों की जा रही है। जनता के हितों की अनदेखी कर बनाया गया यह बजट दिल्ली की जनता के लिए किसी आफत से कम नहीं है। कांग्रेस इस बजट के विरोध में आवाज उठाएगी और जनता की समस्याओं को उजागर करने का काम करेगी।
दिल्ली के जल संकट और 740 एमजीडी अतिरिक्त जलापूर्ति के लिए रेखा सरकार बजट में गंभीर दिखाई नही दी।
केंद्र सरकार की नमामि गंगे परियोजना का क्या हुआ, भाजपा इस पर चुप्पी साधे हुए है, जबकि जनता को इन्हें जवाब देना चाहिए। – देवेन्द्र यादव
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि वर्तमान बजट में सरकार दिल्ली के जल संकट को लेकर गंभीर नहीं दिखाई दी, क्योंकि बजट में रेखा सरकार दिल्ली की अतिरिक्त जल आपूर्ति को लेकर कुछ भी व्यवस्था नहीं की है। दिल्ली को 740 एमजीडी अतिरिक्त पानी की जरूरत है लेकिन बजट में वर्ष 2021 के लक्ष्य को लेकर न चर्चा हुई और न इसको लेकर कोई ठोस आश्वासन दिया गया।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि यमुना रिवर फ्रंट को लेकर मंत्री आशीष सूद ने असली कहानी बताई। आज यमुना में पूर्वांचली छठ पर्व कैसे करेंगे? इसको लेकर भी कोई रूप रेखा नहीं बनाई गई है जबकि भाजपा भी आम आदमी पार्टी की तरह अपने को पूर्वांचलियों को हितेषी होने का दावा करती है।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि यमुना की सफाई के लिए 2000 करोड़ की भारत सरकार से मांग करने की बात हुई थी जो बजट पेश करने से पहले इसको लेकर चर्चा होनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि यमुना सफाई को लेकर भाजपा भी केजरीवाल सरकार की तरह गंभीर नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा कि केंद्र सरकार की नमामि गंगे परियोजना का क्या हुआ क्योंकि इसको लेकर भाजपा चुप्पी साधे हुए है, जबकि जनता को इस पर जवाब देना चाहिए। सरकार को यमुना सफाई के नाम पर जो पैसे मिले इसको लेकर वाईट पेपर जारी करना चाहिए ताकि लोगों के समक्ष स्थिति स्पष्ट हो सके।