बीजेपी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जिसे सरप्राइज़ के तौर पर पार्षद रहीं रेखा गुप्ता का नाम सामने आया कुछ वैसा ही शॉक फैक्टर मेयर, डिप्टी मेयर मामले में देखने को मिल सकता है।
संभावना प्रबल है किसी नए चेहरे को मौका दे दिया जाए। हालांकि कुल 35 पार्षद ऐसे हैं जो अनुभवी होने के साथ-साथ दूसरी बार पार्षद रहे हैं। ऐसे में पार्टी के लिए चुनाव आसान नही रहा। ये तो तय है कि दिल्ली में 27 साल बाद बनी सरकार में जाति और वर्ग को साधते हुए पोर्टफोलियो तैयार हुआ ऐसे में निगम में भी जाति समीकरणों को साधा जाएगा। सूत्रों ने बताया कि नामों पर मुहर नामांकन के आखिरी दिन, 21 अप्रैल को लग जाएगी।
लगातार 3 बार से पार्षद रहने वालों में ये नाम सबसे आगे हैं—
सत्या शर्मा (गौतमपुरी वार्ड से पार्षद व पूर्व मेयर) , नीमा भगत, प्रवेश वाही ( रोहिणी ई वार्ड से पार्षद व पूर्वकालिक उत्तरी निगम में स्थायी समिति के पूर्व चेयरमैन रहे) और गुलाब सिंह राठौर
लगातार 2 बार से पार्षद रहने वालों में ये नाम सबसे आगे हैं—
राजा इकबाल सिंह पूर्व (पूर्व मेयर और अभी नेता प्रतिपक्ष)
जय भगवान यादव (उप नेता प्रतिपक्ष)
संदीप कपूर (पूर्व स्थायी समिति चेयरमैन)
योगेश वर्मा (पूर्व उप मेयर)
क्या करेगी आम आदमी पार्टी
सूत्रों का कहना है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में भले ही सरकार बीजेपी की बन गई हो। लेकिन वोट प्रतिशत में बहुत कम अंतर है ऐसे में बीजेपी को सीधे वॉकओवर देने के बजाय प्रत्याशियों को उतारने पर विचार चल रहा है। अभी नेता सदन मुकेश गोयल और सारिका चौधरी का नाम रेस में सबसे आगे है तो क्या हार के लिए मैदान में उतरेंगे?