दिल्ली नगर निगम का चुनाव करवाने वाले राज्य चुनाव आयोग ने निगम की खाली 12 सीटों पर रिटर्निंग अधिकारियों( ERO)की नियुक्ति कर दी है। क्या माना जाए की उपचुनाव का आगाज बहुत जल्दी हो जाएगा? अब तक परम्परा रही है कि नियुक्ति से तीन से चार महीने के अंदर चुनाव हो जाता है। यानि उप चुनाव सितंबर तक हो जाएंगे।
निगम की जिन खाली 12 सीटों पर उपचुनाव होगा उसमें 9 सीटें बीजेपी तीन आम आदमी पार्टी के पास थी।
2024 लोकसभा चुनाव में द्वारका B वार्ड की पार्षद कमलजीत सेहरावत के साल 2024 लोक सभा चुनाव में सांसद बनने से खाली हो गई तो वहीं बाकी 11 सीटें साल 2025 दिल्ली विधान सभा चुनाव में पार्षदों के विधायक बनने से खाली हो गई।
आप, बीजेपी, और कांग्रेस के लिए 12 सीटें कितनी महत्वपूर्ण
साल 2022 के निगम चुनाव में सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बनने वाले आम आदमी पार्टी सिर्फ ढाई साल ही निगम की सत्ता पर काबिज रही उसके पास निगम सत्ता में वापसी का एक बड़ा मौका यह उपचुनाव दे सकता है।
शालीमार बाग की खाली सीट से खुद पार्षद रही रेखा गुप्ता मुख्यमंत्री बन चुकी हैं लिहाजा कुल 12 सीटों को बीजेपी के पाले में करना ही रेखा का सबसे बड़ा मकसद और चुनौती होगी। भाजपा अपनी सत्ता को और मजबूत कर सकती है। कांग्रेस भी पीछे नहीं है अपनी जमीन वापस पाने के लिए उपचुनाव की तैयारी बहुत पहले ही शुरू कर चुकी है जिसने वार्ड के स्तर पर पहले ही कई ऑब्जर्वर्स की तैनाती कर दी है ।
दिल्ली नगर निगम के कुल 250 सीटों में 12 खाली होने पर 238 में आम आदमी पार्टी के 113 पार्षद और बीजेपी के 117 पार्षद हैं कांग्रेस केवल 8 पार्षद हैं।
12 खाली सीटें किस श्रेणी की
सामान्य श्रेणी की सीटें हैं
मुंडका, चांदनी चौक, चांदनी महल, नारायना, संगम विहार ए, विनोद नगर
महिला आरक्षित सीटें हैं
शालीमार बाग बी, अशोक विहार, द्वारका B, ग्रेटर कैलाश।
दक्षिणपुरी की सीट पर अनुसूचित जाति का कैंडिडेट उतारा जाएगा।