RSS के चीफ मोहन भागवत ने पर्यावरण को लेकर चिंता जाहिर की तो उसके आनुषंगिक संगठनों लोगो को इस मुहिम में जोड़ने के लिए कदम बढ़ा दिया अब जरा तीन दिनों को नोट कर लें।
पर्यावरण के साथ वो पंच परिवर्तन’ क्या हैं वो जानिए।
पंच परिवर्तन की विचार धारा को आगे बढ़ा रहा प्रेरणा विमर्श
प्रेरणा शोध संस्थान न्यास की अध्यक्ष प्रीति दादू जी ने कहा कि यह कार्यक्रम इस वर्ष के लिए भूमिका तैयार कर रहा है, पूरे वर्ष यह विचार घर-घर तक पहुंचाने की योजना है, कार्यक्रम का शुभारम्भ 108 कुण्डीय नारीशक्ति राष्ट्र वंदन यज्ञ से होगी।
प्रेरणा विमर्श – 2024 के समन्वयक श्याम किशोर जी ने बताया कि इस वर्ष राष्ट्रीय स्वयंसेवक अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर चुका है इस दृष्टि से संघ इस वर्ष इन पंच परिवर्तन को जन-जन के व्यवहार में लाने को संकल्पित है। उसी उद्देश्य से संघ के प्रचार विभाग के तत्वावधान में यह त्रिदिवसीय कार्यशाला आयोजित हो रही है जिसमें सम्बंधित क्षेत्रों के वे दिग्गज हिस्सा लेंगे जो धरातल पर इन क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य इन सारगर्भित विषयों को वैचारिक स्तर से व्यवहारिक स्तर पर समाज तक ले जाना है।
22,23 और 24 नवंबर कार्यशाला के खास
कार्यशाला में मार्गदर्शन देंगे सुनील आंबेकर , अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, डॉ. चिन्मय पण्ड्या प्रति कुलपति देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार, मुकुल कानितकर , वरिष्ठ प्रचारक एवं सदस्य, अखिल भारतीय प्रचार टोली, कश्मीरी लाल जी, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री, स्वदेशी जागरण मंच, विजय सोनकर शास्त्री , पूर्व सांसद एवं पूर्व अध्यक्ष SC-ST आयोग, पद्मश्री उमाशंकर पाण्डेय , जल योद्धा एवं सामाजिक कार्यकर्ता, सूर्य प्रकाश टोंक , क्षेत्र संघचालक, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, प्रो. ऊषा मीणा , प्रोफेसर-पर्यावरण विज्ञान संकाय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली, वरुण गुलाटी, प्रोफेसर – अंग्रेजी विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय, विमला बाथम , उत्तर प्रदेश महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष एवं नोएडा की पूर्व विधायक, अपर्णा यादव , उपाध्यक्ष- महिला आयोग, उत्तर प्रदेश उपस्थित रहेंगे।