
दिल्ली के दिल में कौन है? जवाब 8 फरवरी को मिलेगा क्योंकि 5 फरवरी को 70 विधानसभा सीटों के लिए 1 फेज़ में वोट डाले जाएंगे। 23 फरवरी को दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने से पहली नई विधासभा का गठन जरूरी है। 2015 और 2020 के मुकाबले इस बार चुनाव और रिजल्ट की घोषणा एक हफ्ते पहले हो रही है। 2020 में 6 फरवरी को चुनाव हुआ। साल 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव की घोषणा 6 जनवरी को हुई। 8 फरवरी 2020 को सिंगल फेज में वोटिंग हुई थी और 11 फरवरी को नतीजे घोषित हुए थे। 70 विधानसभा सीट का बहुमत 36 है। 33,330 पोलिंग स्टेशन हैं। वोटर 1.55 करोड़ हैं। BJP 27 साल का सूखा खत्म करना चाहती है.
दिल्ली विधानसभा में कांग्रेस का नहीं है कोई विधायक
साल 2015 और 2020 में कांग्रेस का एक भी विधायक नही चुना गया तो 4.26% वोट के साथ सब्र करना पड़ा। 2020 में आम आदमी पार्टी का वोट 53.57% तो बीजेपी को 38.51% वोट मिला। दिल्ली मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने फाइनल वोटर लिस्ट जारी कर दी है जिसकी मुताबिक बुराड़ी विधानसभा में सबसे अधिक वोटों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है द्वारका विधानसभा में सबसे अधिक वोटों की संख्या में गिरावट आई है। वोटरों के लिहाज से सबसे बड़ी विधानसभा सीट विकासपुरी (4,62,182 वोटर) है और सबसे छोटी दिल्ली कैंट(78,893 वोटर) सबसे अधिक थर्ड जेंडर वोटर्स सुल्तानपुर माजरा और विकासपुरी में है।
दिल्ली दंगों के दूसरे आरोपी को टिकट

ओवैसी की पार्टी ने ओखला विधानसभा से दिल्ली दंगों के आरोपी और जेल में बंद शिफा उर रहमान को टिकट दिया
ये दूसरा टिकट होगा कि जेल में बंद दिल्ली दंगों के 2 आरोपियों को AIMIM ने रणनीति के तहत टिकट दे दिया, एक टिकट ताहिर हुसैन को और दूसरा शिफा उर रहमान को। शिफा को ओखला विधानसभा से चुनाव लड़वाने का एलान। शिफा उर रहमान दिल्ली दंगा के केस में तिहाड़ जेल में बंद है उस पर UAPA का केस लगा हुआ है। शिफा उर रहमान जामिया एल्युमिनाई का प्रेसिडेंट था। CAA/Anti NRC प्रोटेस्ट में शिफा उर रहमान ने बड़ी भूमिका निभाई थी। अब ओवैसी की पार्टी शिफा उर रहमान को ओखला से चुनाव लाडवा रही है।
बीएसपी ने अकेले लड़ने का एलान किया
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने दिल्ली चुनाव को लेकर किया पोस्ट किया और लिखा कि दिल्ली विधानसभा का आमचुनाव आगामी 5 फरवरी 2025 को एक चरण में होगा। चुनाव आयोग द्वारा इस बारे में की गयी घोषणा का स्वागत। बीएसपी यह चुनाव अपनी पूरी तैयारी व दमदारी के साथ अकेले अपने बलबूते पर लड़ रही। उम्मीद है कि पार्टी इस चुनाव में ज़रूर बेहतर प्रदर्शन करेगी। चुनाव लोकतंत्र की रीढ़ है और बाहुबल व धनबल से दूर रहने वाली गरीबों-मजलूमों की पार्टी बीएसपी आयोग से यह उम्मीद रखती है कि वह स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कराने के क्रम में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के साथ ही साम्प्रदायिकता व अन्य घिनौने प्रचार से चुनाव को दूषित होने से बचाएगा। मतदाताओं से अपील है कि वे किसी पार्टी के लुभावने वादे के बहकावे में ना आकर अपने वोट का पूरी समझदारी से इस्तेमाल करके जनहित एवं जनकल्याण को समर्पित बीएसपी पार्टी के उम्मीदवारों को ही वोट करें, यही अपील। इसी में ही जन व देशहित निहित एवं सुरक्षित
