दिल्ली के विकास और प्रगति में मील का पत्थर साबित होगा यह बजट: आशीष सूद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “सबका साथ- सबका विकास” सिद्धांत पर आधारित साल 2025-26 का बजट, “विकसित दिल्ली- संकल्प पत्र- 2025” को धरातल पर लाने की शुरुआत है। केवल 33 दिन के शासन काल में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उनकी सरकार ने बजट में 1 लाख करोड़ रुपए के सरकारी व्यय का प्रावधान किया है, जो पिछले वर्ष के बजट से 31 प्रतिशत अधिक है। इस बजट में पूंजीगत व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि करते हुए 28,000 करोड़ रुपए की धनराशि सड़क, पुल, फ्लाईओवर, परिवहन और बिजली के बुनियादी ढांचे, स्कूल और स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे जैसी “उत्पादक संपत्तियों” में निवेश की जाएगी।
इस बजट ने दिल्ली के वर्तमान युवा और भावी पीढ़ी का विशेष ध्यान रखा है। शिक्षा क्षेत्र में सीएम श्री स्कूल, महामना पंडित मदन मोहन मालवीय विद्या शक्ति मिशन, राष्ट्रनीति, और डॉ. अब्दुल कलाम लैंग्वेज लैब जैसी नवाचारी योजनाएं स्वीकृत की गई हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2025-26 के लिए हमारी सरकार ने शिक्षा क्षेत्र के लिए 19,291 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जो कि पिछली आम आदमी पार्टी की सरकार के वर्ष 2024-25 के बजट से लगभग 18% अधिक है।
यह बजट दिल्ली के समग्र विकास और बुनियादी ढांचे में सुधार के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक प्रगति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस बजट के माध्यम से दिल्ली में बुनियादी सुविधाओं के स्तर को और बेहतर बनाया जाएगा, जो कि न केवल दिल्ली की जनता को लाभान्वित करेगा बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ेगा। इस प्रकार, यह बजट दिल्ली के विकास और प्रगति के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।