दिल्ली विधानसभा में विधायकों की सैलरी और दूसरे मुद्दों पर 5 सदस्यों वाली एडहॉक कमिटी बना कर स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने 5 दिन के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है। विधायकों के वेतन, भत्तों और अन्य सुविधाओं की समीक्षा करने के लिए एक एडहॉक कमेटी का गठन किया गया। यह निर्णय विशेष रूप से सदस्यों की भावनाओं और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। समिति का मुख्य उद्देश्य विधायकों को उपयुक्त सुविधाएँ मुहैया कराने के लिए वर्तमान वेतन और भत्तों की स्थिति की गहराई से जाँच करना और उसमें संभावित संशोधनों पर विचार करना है।
अध्यक्ष महोदय ने समिति को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वह 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे। समिति को इस तय समय-सीमा में अपनी समीक्षा पूरी करनी होगी और अपनी संस्तुतियाँ अध्यक्ष को सौंपनी होंगी।
यह निर्णय विधायकों के वेतन और सुविधाओं से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के साथ-साथ उनकी कार्यक्षमता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। इस पहल से विधायकों को उनके कार्य में अधिक सहयोग और प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।
इस एडहॉक कमेटी में कुल पाँच सदस्य शामिल हैं। समिति के सभापति के रूप में अभय वर्मा की नियुक्ति की गई है। उनके साथ अन्य सदस्यों के रूप में सूर्य प्रकाश खत्री, पूनम शर्मा, संजीव झा और विशेष रवि शामिल हैं। इन सदस्यों को विभिन्न पहलुओं पर विचार करके निष्पक्ष और संतुलित अनुशंसा देने का दायित्व सौंपा गया है। समिति का कार्य यह सुनिश्चित करना है कि वेतन और भत्तों के पुनरीक्षण में विधायकों के कार्यभार, जिम्मेदारियों और आवश्यक संसाधनों को ध्यान में रखा जाए।