दिल्ली के परिवहन मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने विधानसभा में दिल्ली परिवहन निगम (DTC) के कामकाज से सम्बंधित, कैग रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान आरोप लगाया कि डीटीसी भारी वित्तीय अनियमितता और गड़बड़िया हुई
मुद्दे पर बोलते हुए मंत्री ने कहा कि डीटीसी में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता और भारी लापरवाही हुई है। वर्ष 2015 से 2022 के बीच डीटीसी को संचालन में कुल लगभग 14,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। वर्ष 2015-16 में डीटीसी का कुल घाटा लगभग 25,300 करोड़ रुपये से बढ़कर 2021-22 में लगभग 60,750 करोड़ रुपये हो गया है। इसके साथ ही डीटीसी के उपर कर्ज भी बहुत बढ़ गया है। पहले डीटीसी के लोन के उपर ब्याज का बोझ 3,277 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 8,375 करोड़ रुपये हो गया है।
मार्च 2021 में 3,697 बसों में सीसीटीवी कैमरा लगाया गया, जिसके लिए ठेकेदार को लगभग 52 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया। लेकिन यूज़र एक्सेप्टेंस टेस्ट (जांच प्रक्रिया) पूरा नहीं हुआ, इसलिए यह सिस्टम पूरी तरह चालू नहीं हो सका।
कैग रिपोर्ट स्पष्ट रूप से बताती है कि पिछली सरकार ने जनता के टैक्स के पैसे का खुला दुरुपयोग किया। उन्होंने पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “आए थे हरि भजन को, ओटन लगे कपास।” जो खुद को भ्रष्टाचार मिटाने वाला बताते थे, वे ही भ्रष्टाचार में लिप्त हो गए।
मंत्री ने सदन में बोलते हुए कहा कि डीटीसी में पिछली सरकार के कार्यकाल में हुई अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच कर कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि उनके शासन में पब्लिक ट्रांसपोर्ट व्यवस्था पूरी तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई, जिससे दिल्ली की जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। न बसों की संख्या बढ़ी और न ही सुविधाओं में कोई सुधार हुआ। जनता को खराब सेवाओं और अव्यवस्थित संचालन का सामना करना पड़ा। यह भ्रष्टाचार सिर्फ आर्थिक नुकसान नहीं था, बल्कि दिल्ली के नागरिकों की सुविधाओं पर सीधा हमला था, जिसकी पूरी जवाबदेही तय की जानी चाहिए।