मौसम विभाम ने अगले 4 महीनों में सामान्य से ज्यादा गर्मी पड़ने की संभावना जतलाई तो दिल्ली में पानी की आपूर्ति औल लीकेज कम करने के साथ ही जल संकट दूर करने के प्लान जल मंत्री ने बताया। वैसे आप को बता दें कि दिल्ली में कई जल पाइपलाइन 80 साल से अधिक पुरानी हैं और उन्हें बदलने की जरूरत है। कई इलाकों में आबादी की तुलना में पानी की आपूर्ति बहुत कम है। हर विधानसभा क्षेत्र की 80% समस्याएं अपने आप खत्म हो जाएं अगर पानी की आपूर्ति ठीक से हो। दिल्ली जल बोर्ड के हर कार्यालय में हाजिरी के लिए फिंगरप्रिंट स्कैनर लगेंगे। पाता लगा है कि संगम विहार में 4 करोड़ रुपये की लागत से बिछाई गई पाइपलाइन आज तक उपयोग में नहीं आई। कई जगह लीकेज हैं। अधिकारियों ने मरम्मत के लिए 5 करोड़ रुपये की और जरूरत बताई है।
टैंकर मुक्त दिल्ली कैसे बनेगी परवेश ने बताया
दिल्ली को प्रतिदिन 1,200 एमजीडी (मिलियन गैलन प्रति दिन) पानी की जरूरत है, लेकिन फिलहाल सिर्फ 990 एमजीडी ही मिल रहा है। इस कमी को पूरा करने के लिए अगले तीन महीनों में 249 नए ट्यूबवेल लगाए जाएंगे—96 ट्यूबवेल अगले महीने, 88 जून में और 55 जुलाई में चालू हो जाएंगे। अभी 901 पानी के टैंकर काम कर रहे हैं, अस्थायी समाधान के तौर पर इन्हें बढ़ाकर 1,300 किया जाएगा। टैंकरों में सेंसर लगेंगे ताकि पानी के स्तर की सटीक निगरानी हो सके।
नवगठित दिल्ली सरकार टैंकर-मुक्त शहर बनाने, पानी की आपूर्ति की के लिए एक कमांड सेंटर बनाकर सभी सेक्टरों को आईटी सेल से जोड़ेगी ताकि जल आपूर्ति पर नजर रखी जा सके।
पानी की बर्बादी रोकने के लिए लीकेज से कैसे निबटेगी सरकार?
लीकेज नियंत्रण से पानी की बर्बादी रूकेगी। 32 नई सुपर सकर मशीनें काम कर रही हैं। 30 और मशीनों के लिए टेंडर पास कर दिए गए हैं, जिससे हर विधानसभा क्षेत्र को एक मशीन मिल सके। अगले चार महीनों के भीतर सभी सीवरों और नालों की सफाई कर दी जाएगी।
नए इंजीनियरों और श्रमिकों की भर्ती
अगले कुछ महीनों में 180 जूनियर इंजीनियरों की भर्ती के साथ ही हर विधानसभा क्षेत्र में मजदूरों की संख्या 10 से बढ़ाकर 20 की जाएगी, जिससे पानी और सीवर से जुड़ी समस्याओं को जल्दी सुलझाया जा सके।